Moradabad News: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में रामगंगा नदी ने विकराल रूप ले लिया है. उफान पर आई इस नदी ने जिले के 28 गांवों को अपनी चपेट में ले लिया है. जिससे खेत-खलिहान जलमग्न हो गए, खड़ी फसलें बह गईं और उपजाऊ जमीन नदी के आगोश में समा गई. किसानों की साल भर की मेहनत पल भर में बर्बाद हो गई है. इस बाढ़ से लाखों रुपए की फसल तबाह हो चुकी है. बता दें कि सबसे अधिक गंभीर स्थिति मुरादाबाद के मुंडापांडे ब्लॉक में है जहां कई गांव पूरी तरह पानी में डूब गए हैं. इसके अलावा, छजलैट के तीन, सदर के दो, डिलारी के चार और बिलारी के दो गांव बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं.
ADVERTISEMENT
धान, मक्का और गन्ने की खड़ी फसलें तेज बहाव में बह गईं, जबकि कई किसानों की उपजाऊ जमीन नदी के कटाव में समा गई. इस प्राकृतिक आपदा ने किसानों की सालभर की मेहनत को जड़ से उखाड़ फेंका है.
किसानों और पशुपालकों की दिक्कतें
फसल बर्बाद होने के साथ-साथ किसानों को दूसरी समस्या भी झेलनी पड़ रही है. खेत बर्बाद होने से न केवल उनकी आमदनी बंद हो गई है, बल्कि चारे की भारी कमी के कारण पशुपालकों की भी हालत दयनीय हो गई है. गांव के लोग अपने मवेशियों को बचाने के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं और संकट से जूझ रहे हैं.
प्रशासन की राहत और मुआवजा प्रक्रिया
बाढ़ की गंभीर स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने नुकसान का आकलन करना शुरू कर दिया है. राजस्व विभाग की टीमों ने प्रभावित क्षेत्रों में जाकर सर्वे शुरू कर दिया है ताकि किसानों को उचित मुआवजा दिया जा सके.
जिला कृषि अधिकारी डॉ. राजेंद्र पाल सिंह ने बताया कि “रामगंगा में आई बाढ़ से फसल को काफी नुकसान पहुंचा है. सर्वे जारी है और चार से पांच दिन में रिपोर्ट आ जाएगी. जिन किसानों की फसल बीमा के तहत आती है, उन्हें बीमा क्लेम मिलेगा और जिनका बीमा नहीं है, उन्हें बाढ़ राहत कोश से सहायता दी जाएगी.”
यह भी पढ़ें: 5-8 रुपये के पुराने कपड़ों से बनाती हैं पायदान और कमाती हैं हजारों... मुरादाबाद की इन महिलाओं ने किया कमाल
ADVERTISEMENT
