मुरादाबादी पीतल का 1500 करोड़ का कारोबार फंसा, माल गोदामों में तैयार माल अटका...टैरिफ का असर यहां देखिए

मुरादाबाद का पीतल उद्योग अमेरिकी 50% टैरिफ से बुरी तरह प्रभावित हुआ है. करीब 1500 करोड़ का व्यापार ठप हो गया है और नए ऑर्डर रुक गए हैं. व्यापारी केंद्र सरकार से मुआवज़ा और जवाबी नीति की मांग कर रहे हैं.

जगत गौतम

• 06:32 PM • 27 Aug 2025

follow google news

Moradabad News: अमेरिका द्वारा भारत पर लागू किए गए 50% फीसदी टैरिफ ने मुरादाबाद के पीतल उद्योग की नींव हिला दी है. जिस शहर की चमकदार हस्तकला दुनियाभर में अपनी पहचान बना चुकी है,वहां के कारोबारी आज गहरे संकट में हैं. ताजा रिपोर्ट्स के अनुसार, इस टैरिफ के चलते लगभग 1500 करोड़ रुपये का व्यापार प्रभावित हो चुका है. तैयार माल गोदामों में अटका हुआ है और नए ऑर्डर पर रोक लग चुकी है.

यह भी पढ़ें...

कारोबार पर है संकट

बता दें कि मुरादाबाद के व्यापारियों का कहना है कि अमेरिकी टैरिफ के चलते उनका बजट पूरी तरह से बिगड़ गया है. कई उद्यमियों ने चिंता जताई कि अगर यह स्थिति जल्द नहीं सुधरी तो पूरे शहर का हस्तशिल्प उद्योग ठप होने की कगार पर पहुंच जाएगा. एक कारोबारी ने बताया कि "टैरिफ का असर सिर्फ बड़े व्यापारियों पर नहीं, बल्कि छोटे कारीगरों और मध्यम वर्ग तक पड़ेगा. अगर जल्द समाधान नहीं निकला तो इसके परिणाम बेहद गंभीर हो सकते हैं."

बिजनेसमैन की तरह सोच रहे ट्रंप

व्यापारियों का मानना है कि डोनाल्ड ट्रंप इस पूरे निर्णय को एक व्यापारी की सोच के साथ ले रहे हैं. उनका उद्देश्य भारत के आर्थिक संतुलन को प्रभावित करना और शेयर बाजार में अस्थिरता लाना है. हालांकि कुछ व्यापारियों का यह भी कहना है कि टैरिफ स्थायी नहीं होगा. उन्होंने उम्मीद जताई कि क्रिसमस और न्यू ईयर जैसे प्रमुख विदेशी त्योहारों के चलते अमेरिका को भारतीय हस्तशिल्प की जरूरत पड़ेगी, जिससे यह टैरिफ कुछ ही समय में हट सकता है.

ई-कॉमर्स साइट्स पर टैक्स की मांग

निर्यातकों ने केंद्र सरकार से कड़े कदम उठाने की मांग की है. उनका सुझाव है कि अगर अमेरिका भारत पर 50% टैरिफ लगा सकता है तो भारत को भी अमेजन, वॉलमार्ट जैसी अमेरिकी कंपनियों पर स्पेशल टैक्स लगाना चाहिए. व्यापारियों ने कहा, "अगर हम चुप रहे तो ये सिलसिला बढ़ता चला जाएगा. भारत सरकार को भी वैश्विक मंच पर अपनी ताकत दिखानी चाहिए."

हैंडीक्राफ्ट उद्योग पर सीधा असर

मुरादाबाद के पीतल उद्योग के साथ-साथ एल्यूमिनियम, स्टील और अन्य हस्तशिल्प उत्पादों पर भी इस टैरिफ का असर पड़ा है. शहर से हर साल अरबों रुपये का सामान अमेरिका को निर्यात किया जाता है. लेकिन अब वहां के खरीदार सस्ते विकल्प की तलाश में दूसरे देशों की ओर रुख कर रहे हैं. इस झटके से सीख लेते हुए अब मुरादाबाद के व्यापारी यूरोप, खाड़ी देश और एशिया के अन्य हिस्सों में नए बाजार तलाशने की रणनीति पर काम कर रहे हैं. निर्यातकों का मानना है कि भविष्य की सुरक्षा के लिए अमेरिकी बाजार पर अधिक निर्भर रहना अब जोखिमभरा हो गया है.

यह भी पढ़ें: डंडे से पीटा फिर मां को लटकाया...मुरादाबाद में निशा की 3 साल की बेटी ने दे दी उसकी मौत की गवाही

    follow whatsapp