UP Ganga Expressway Update: मेरठ से शुरू होकर प्रयागराज तक जाने वाले 594 किलोमीटर लंबे गंगा एक्सप्रेसवे को अब सीधे आगरा और बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे से जोड़ा जाएगा. इसके लिए एक नया लिंक एक्सप्रेस-वे बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. यह महत्वाकांक्षी परियोजना यूपीईडा (UPEIDA) द्वारा शुरू की गई है. इसका उद्देश्य ट्रैफिक को और भी सुगम बनाना है. यह लिंक एक्सप्रेस-वे छह जिलों को आपस में जोड़ेगा, जिससे लोग आसानी से आगरा होते हुए राजस्थान तक का सफर कर पाएंगे. इस नई कनेक्टिविटी से न केवल समय और ईंधन की बचत होगी, बल्कि औद्योगिक विकास को भी नई गति मिलने की संभावना है.
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ये हैं गंगा एक्सप्रेसवे की 5 बड़ी खासियतें
विशाल और आधुनिक: यह एक्सप्रेसवे 6 लेन का होगा, जिसे भविष्य में 8 लेन तक बढ़ाया जा सकेगा, जिससे भारी ट्रैफिक को भी आसानी से संभाला जा सकेगा.
दो बड़े शहरों को जोड़ेगा: यह एक्सप्रेसवे मेरठ के NH-334 से शुरू होकर प्रयागराज में NH-2 बाईपास पर खत्म होगा, जिससे दोनों शहरों के बीच की दूरी और समय में काफी कमी आएगी.
12 जिलों को सीधा लाभ: यह एक्सप्रेसवे कुल 12 जिलों से होकर गुजरेगा, जिनमें मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज शामिल हैं. इससे इन जिलों का आर्थिक और औद्योगिक विकास भी होगा.
ग्रामीण कनेक्टिविटी: मुख्य एक्सप्रेसवे के साथ-साथ, स्थानीय ग्रामीणों की सुविधा के लिए दोनों तरफ 3.75 मीटर चौड़ी सर्विस रोड भी बनाई जा रही है.
ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट: यह एक्सप्रेसवे एक 'ग्रीनफील्ड' परियोजना है, जिसका मतलब है कि यह पूरी तरह से नए मार्ग पर बन रहा है. इससे भूमि अधिग्रहण और निर्माण में आने वाली बाधाएं कम हुई हैं.
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