Lucknow Levana hotel fire: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के हजरतगंज इलाके में चार मंजिला लेवाना होटल में सोमवार सुबह आग लगने से दो महिलाओं समेत चार लोगों की मौत हो गई. जबकि कम से कम दस लोग इस घटना में घायल हो गए थे. लखनऊ में हुए इस अग्निकांड के बाद पता चला है कि केवल लेवाना ही नहीं, यहां ऐसे तमाम होटल हैं जो फायर नॉर्म्स का पालन नहीं कर रहे. खबर में आगे जानिए क्या है यूपी तक है की खास पड़ताल.
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लखनऊ के लेवाना होटल में हुए अग्निकांड के बाद यूपी तक ने शहर के और कई होटलों की हकीकत जानने की कोशिश, आप खुद देखिए हमारी पड़ताल में क्या सामने आया?
Awadh International Hotel
बता दें कि 19 फरवरी, 2018 में गोमतीनगर में हाईकोर्ट के सामने स्थित होटल अवध इंटरनैशनल में आग लगी थी. उस वक्त होटल में 700 से ज्यादा लोग थे. पहली मंजिल पर लगी आग में दर्जनों लोग फंस गए थे. आग की भयावहता देख दो लोगों ने पहली मंजिल से छलांग लगा दी थे. घटना के चार साल बाद भी होटल की फायर को लेकर व्यवस्थाएं यूपी तक के रियलिटी चेक में लचर पाई गईं. होटल में फायर अलार्म मौजूद है, पर कमरों में ऑटोमैटिक स्प्रिंलर सिस्टम मौजूद नहीं है, अगर कमरे में आग लगती है तो पानी पहुंचने का कोई मौका नहीं.
वहीं, होटल में फायर अलार्म और हाइड्रेंट हैं, पर फायर ऑफिसर नही है. फायर नॉर्म के मुताबिक, 30 सेंटीमीटर से कम सीढ़ी का स्टेप एरिया नहीं होना चाहिए. चढ़ने का पोषण 15 सेंटीमीटर से ज्यादा का नहीं होना चाहिए. इस होटल में दोनों ही चीजें नहीं थीं.
Hotel Savvy Grand
13 अप्रैल 2022 को इस होटल में बड़ी घटना हुई थी, जिसमें आग लगने के चलते करीब 100 लोग अंदर ही फंस गए थे. करीब 4 महीने बाद यूपी तक जब पड़ताल करने होटल पहुंचा तो इंतजाम बेहतर ठीक ठाक दिखे. अंदर धुआं कर देखा गया, तो अलार्म बजने लगा. होटल में 2 एग्जिट एरिया भी बने थे.
हालांकि, सेटबैक एरिया होटल के इर्द गिर्द नहीं बना है, जिसमें ब्रिगेड फायर की गाड़ी आ सके. इसको लेकर होटल के जीएम नागेंद्र ने बताया कि होटल की हाइट के मुताबिक सेटबैक एरिया होता है, जो यहां सही है.
Hotel Kamal
लखनऊ में अगर होटलों का मकड़जाल देखना ही तो हुसैनगंज, चारबाग और नाका आना चाहिए. हुसैनगंज स्थित होटल कमल में जब यूपी तक पड़ताल करने पहुंचा, तो वहां कोई इंतजाम पुख्ता नजर नहीं आए. बाहर केवल Fire Extinguisher और अलार्म मौजूद था. अंदर कमरा खोलने से भी होटल वालों ने माना कर दिया. पूरी घनी आबादी में बसा होटल, अगल बगल कोई स्पेस नहीं. सेटबैक एरिया तो दूरी की बात है. एग्जिट प्वाइंट जब देखा गया तो दरवाजा अंदर की तरफ खुलता नजर आया, जबकि फायर नॉर्म के मुताबिक, दरवाजा बाहर की तरफ खुलना चाहिए.
आपको बता दें कि यूपी तक जब चारबाग पहुंचा तो वहां एक के बाद एक अगल-बगल होटल्स खड़े नजर आए. इनके अगल बगल कोई स्पेस नही था, ना फायर ब्रिगेड की गाड़ी आने का रास्ता न ऊपर तक पानी पहुंचने की व्यवस्था. पुलिस टीम जरूर लेवाना कांड के बाद पड़ताल करती नजर आई. मगर पुलिस की ये कार्रवाई सिर्फ एक खानापूर्ति लगी.
इन कमियों के लिए LDA ने लेवाना होटल को जारी किए थे 4 नोटिस, उसके बाद हो गया ये बड़ा हादसा
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