राधा और जिया... लखनऊ में इन 2 बहनों की मौत के बाद अब उनका पालतू डॉगी मरा, क्या हुआ टोनी के साथ?

लखनऊ में दो बहनों की मौत के बाद उनके बीमार डॉगी 'टोनी' ने भी तोड़ा दम. पालतू कुत्ते के गम में राधा और जिया ने दी थी जान. शनिवार सुबह हुई डॉगी की मौत, परिवार कर रहा अंतिम संस्कार की तैयारी.

अंकित मिश्रा

27 Dec 2025 (अपडेटेड: 27 Dec 2025, 11:42 AM)

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UP News: लखनऊ में दो सगी बहनों ने अपने जिस पालतू डॉगी के लिए दे दी थी जान अब उसकी भी मौत हो गई है. डॉगी टोनी पेट की गंभीर बीमारी से जूझ रहा था और शनिवार सुबह उसकी मौत हुई. परिवार ने कुत्ते के अंतिम संस्कार और क्रिया-कर्म की तैयारी की है. मृतक बहनों की पहचान राधा सिंह (24) और जिया सिंह (22) के रूप में हुई है. दोनों बहनें ग्रेजुएशन पास थीं. परिजनों के मुताबिक, दोनों लंबे समय से डिप्रेशन में थीं और सामाजिक जीवन से पूरी तरह कट चुकी थीं. 

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डॉगी की तबीयत बिगड़ने के बाद दोनों का डिप्रेशन और बढ़ गया

पारा निवासी 65 वर्षीय कैलाश सिंह की दोनों बेटियों ने जर्मन शेफर्ड नस्ल का डॉगी टोनी को पाल रखा था. टोनी पिछले करीब एक महीने से गंभीर रूप से बीमार था. इलाज के बावजूद उसकी हालत में सुधार नहीं हो रहा था. बहनों को आशंका थी कि डॉगी नहीं बचेगा. इसी बात को लेकर वे लगातार तनाव में थीं. छोटी बहन जिया सिंह की मानसिक स्थिति पहले से ही ठीक नहीं थी. कुत्ते की तबीयत बिगड़ने के बाद दोनों का डिप्रेशन और बढ़ गया.

दोनों ने पी लिया फिनायल!

बुधवार को दोनों बहनों ने कथित तौर पर फिनायल पी लिया था. इसकी जानकारी अपनी मां गुलाबा देवी को दी. मां ने तुरंत बड़े बेटे वीर सिंह को फोन कर बुलाया. वीर के पहुंचने से पहले ही पड़ोसियों की मदद से दोनों को रानी लक्ष्मी बाई अस्पताल ले जाया गया, लेकिन रास्ते में ही राधा की मौत हो गई. जिया ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया.

करीब 6 साल से दोनों कहीं बाहर नहीं गई थीं

परिवार के लोगों ने बताया कि दोनों बहनें सोशल मीडिया शादी-पार्टी और अन्य सामाजिक आयोजनों से पूरी तरह दूर रहती थीं.  पिछले करीब छह साल से वे कहीं बाहर नहीं गई थीं. मोबाइल और सोशल मीडिया से भी उनका कोई खास जुड़ाव नहीं था. वे ज्यादातर समय अपने कुत्ते के साथ ही बिताती थीं. मां के अनुसार, फोटो खिंचवाने की बात पर भी वे नाराज हो जाती थीं. 

दोनों परिवार से अलग खाना बनाती थीं

दोनों बहनों के बीच गहरा लगाव था. वे परिवार से अलग खाना बनाती थीं. खाने में कुत्ते का हिस्सा जरूर रखती थीं. मोहल्ले के लोगों के अनुसार, वे कभी-कभी भूत-प्रेत जैसी आशंकाएं भी जताया करती थीं. 

दोनों बहनों पर था किसी तरह का साया?

परिजनों ने बताया कि इलाज के लिए दोनों को कई बार बालाजी भी ले जाया गया था. लेकिन वहां से लौटने के बाद भी उनकी हालत में कोई खास सुधार नहीं हुआ. परिवार का मानना था कि उन पर किसी तरह का साया है. पड़ोसियों के मुताबिक, दोनों बहनें अपने डॉगी टोनी से बेहद प्यार करती थीं. अगर कुत्ता खाना नहीं खाता था तो वे भी खाना छोड़ देती थीं. कुत्ते की बीमारी के बाद से उनका तनाव और बढ़ गया था. फिलहाल पुलिस ने आवश्यक कार्रवाई पूरी कर ली है. 

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