पाकिस्तान के साथ चल रहे तनाव और ऑपरेशन सिंदूर के बीच भारत की सैन्य ताकत को एक बड़ी रणनीतिक बढ़त मिलने जा रही है. रविवार, 12 मई को उत्तर प्रदेश के लखनऊ में ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल की निर्माण इकाई का औपचारिक उद्घाटन किया जाएगा. यह यूनिट उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के तहत तैयार की गई है, जिसकी लागत 300 करोड़ रुपये है. इस अत्याधुनिक फैसिलिटी का उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे, जबकि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह दिल्ली से वर्चुअली शामिल होंगे.
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इस यूनिट में दुनिया की सबसे तेज़ सुपरसोनिक मिसाइलों में शुमार ब्रह्मोस मिसाइल का निर्माण होगा, जिसकी रेंज 290 से 400 किलोमीटर तक और गति Mach 2.8 (ध्वनि की गति से लगभग तीन गुना) है. यह मिसाइल थल, जल और वायु तीनों माध्यमों से दागी जा सकती है और "फायर एंड फॉरगेट" तकनीक पर आधारित है. ब्रह्मोस एयरोस्पेस द्वारा निर्मित यह मिसाइल भारत और रूस की संयुक्त परियोजना है.
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक ब्रह्मोस निर्माण इकाई के साथ-साथ एक इंटीग्रेशन और टेस्टिंग फैसिलिटी और टाइटेनियम एवं सुपर अलॉय मटीरियल प्लांट (स्ट्रैटेजिक मटीरियल टेक्नोलॉजी कॉम्प्लेक्स) का भी उद्घाटन किया जाएगा. इस कॉम्प्लेक्स में रक्षा उत्पादों की टेस्टिंग के लिए Defence Testing Infrastructure System (DTIS) विकसित किया जाएगा, जिसकी आधारशिला इसी कार्यक्रम में रखी जाएगी. ब्रह्मोस यूनिट को 3.5 वर्षों में 80 हेक्टेयर मुफ्त दी गई जमीन पर यूपी सरकार ने पूरा कराया है.
बता दें कि 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित UP Defence Industrial Corridor में लखनऊ, कानपुर, अलीगढ़, आगरा, झांसी और चित्रकूट शामिल हैं. उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु के बाद दूसरा राज्य है जहां इस स्तर पर रक्षा औद्योगिक गलियारा तैयार किया गया है. भारत की आत्मनिर्भर रक्षा रणनीति के तहत यह प्रोजेक्ट न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा को सुदृढ़ करेगा बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी लेकर आएगा.
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