100 करोड़ वाले DSP ऋषिकांत शुक्ला की प्रॉपर्टी की लिस्ट हैरान कर देगी! इस पुलिसवाले ने कमाया अकूत धन

यूपी पुलिस में दारोगा के पद से भर्ती होकर पुलिस उपाधीक्षक (DSP) बनने वाले ऋषिकांत शुक्ला इन दिनों सुर्खियों में हैं. DSP ऋषिकांत शुक्ला को 100 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति सामने आने के बाद निलंबित कर दिया गया है. एसआईटी जांच में यह खुलासा हुआ है कि ऋषिकांत शुक्ला ने कानपुर में दरोगा से लेकर सीओ तक के पदों पर रहकर अकूत संपत्ति हासिल की थी.

कानपुर में DSP रहे ऋषिकांत शुक्ला

सिमर चावला

05 Nov 2025 (अपडेटेड: 05 Nov 2025, 09:36 AM)

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यूपी पुलिस में दारोगा के पद से भर्ती होकर पुलिस उपाधीक्षक (DSP) बनने वाले ऋषिकांत शुक्ला इन दिनों सुर्खियों में हैं. DSP ऋषिकांत शुक्ला को 100 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति सामने आने के बाद निलंबित कर दिया गया है. इसका खुलासा तब हुआ जब कानपुर नगर पुलिस आयुक्त की रिपोर्ट के आधार पर की गई एसआईटी जांच में उनकी आय से कई गुना अधिक संपत्तियों की बात सामने आई.आपको बता दें कि ऋषिकांत शुक्ला ने मार्च में अपने बेटे की शादी कानपुर के सबसे बड़े ईटरनिटी रिसॉर्ट में की थी जिसकी कीमत 200 से 250 करोड़ रुपये के बीच बताई जाती है. इस शादी समारोह में शहर के विधायकों, सांसदों और भाजपा के 18 जिलों के अध्यक्ष समेत कई बड़े हस्तियों ने शिरकत की थी.  

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एसआईटी जांच में ये सब सामने आया

एसआईटी जांच में यह खुलासा हुआ है कि ऋषिकांत शुक्ला ने 1998 से 2009 तक कानपुर में दरोगा से लेकर सीओ तक के पदों पर 10 साल की तैनाती के दौरान अकूत संपत्ति हासिल की थी. जांच में अब तक 12 स्थानों पर लगभग 92 करोड़ रुपये की संपत्तियों में उनके मालिकाना हक का पता चला है जो उनकी घोषित आय से कहीं अधिक है.

शिकायतकर्ता सौरभ भदौरिया ने आरोप लगाया कि शुक्ला ने एसओजी में रहते हुए ठेकेदारी, जमीन कब्जाने और बिल्डिंग निर्माण के नाम पर भारी भ्रष्टाचार किया. उनका दावा है कि जांच में 100 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति सामने आ चुकी है. जबकि उनकी कुल संपत्ति लगभग 200 से 300 करोड़ रुपये तक हो सकती है. सूत्रों के अनुसार, शुक्ला की नोएडा, पंजाब, चंडीगढ़, उन्नाव, फतेहपुर समेत कई शहरों में बेनामी संपत्तियां हैं.

बेटे ने 33 कंपनियों में इंवेस्ट किया काला पैसा

जांच में यह भी सामने आया है कि डीएसपी के बेटे विशाल शुक्ला ने अपने साथी अखिलेश दुबे के साथ मिलकर 33 कंपनियां बनाई हैं.आरोप है कि इन कंपनियों के माध्यम से ही काला धन सफेद किया गया.शासन अब इन सभी 33 कंपनियों और अन्य बेनामी संपत्तियों की भी विस्तृत जांच कराने की तैयारी कर रहा है.शिकायतकर्ता ने मांग की है कि इतनी बड़ी संपत्ति अर्जित करने वाले अधिकारी को केवल निलंबित ही नहीं बल्कि तत्काल नौकरी से बर्खास्त किया जाना चाहिए. कुछ संपत्तियों के दस्तावेज अभी भी एसआईटी के कब्जे में नहीं आ पाए हैं जिसके लिए जांच जारी है.

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