21 अगस्त को तेज धमाके के साथ धराशाई होने वाला था गगनचुंबी ट्विन टावर पर आई ये अड़चन, जानिए

Noida News: नोएडा के सुपरटेक हाउसिंग सोसायटी के ट्विन टावर के ढहाने की तारीख एक बार फिर टल गई है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के…

संजय शर्मा

• 08:48 AM • 07 Aug 2022

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Noida News: नोएडा के सुपरटेक हाउसिंग सोसायटी के ट्विन टावर के ढहाने की तारीख एक बार फिर टल गई है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक इन टावरों को पहले 21 अगस्त को ध्वस्त करने की योजना पर काम चल रहा था. लेकिन तकनीकी अड़चनों की वजह से अब यह टावर 28 अगस्त तक ही ध्वस्त हो पाएंगे.

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सूत्रों के मुताबिक, इस बार भी ध्वस्त करने की योजना पर अमल टलने की वजह सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टिट्यूट यानी सीबीआरआई को मिलने वाली ऑडिट रिपोर्ट है. सीबीआरआई ने ध्वस्त करने वाली कंपनी एडीफाईज एजेंसी की ओर से दी गई परियोजना रिपोर्ट पर आपत्ति दर्ज कराई है. सीबीआरआई ने दोनों टावरों के स्ट्रक्चरल ऑडिट के बारे में कुछ और जानकारियां मांगी हैं. जानकारी समय से मिल गई तो सीबीआरआई 9 अगस्त तक अपनी रिपोर्ट नोएडा विकास प्राधिकरण को दे देगा.

इसके बाद 10 अगस्त को यह तय होगा कि कब से विस्फोटक लगना शुरू किया जाए. साथ ही, टावर कब तक सुरक्षित रूप से ध्वस्त किए जा सकेंगे.

ट्विन टावर को ढहाने की तैयारियों पर नोएडा विकास प्राधिकरण कार्यालय में शनिवार को भी कई घंटों मगजमारी हुई. सीबीआरआई के अधिकारियों ने बताया कि सुपरटेक बिल्डर और तोड़क एजेंसी दोनों की ओर से टॉवर्स के स्ट्रक्चर ऑडिट के बारे में पूरी जानकारी नहीं मिली है. हालांकि इमारतें तोड़ने की ये कार्रवाई सिर्फ नोएडा में ही नहीं बल्कि हरियाणा के गुरुग्राम में भी चल रही है. गुरुग्राम सेक्टर 37डी के ग्रीन व्यू सोसाइटी में कई बहुमंजिला ब्लॉक्स को गिराया जाएगा.इन इमारतों को सुरक्षित रूप से ढहाने की तैयारियां शुरू हो गई

गुरुग्राम के नगर योजना विभाग के निदेशक ने नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन के प्रबंधन को पत्र लिखकर जर्जर इमारतों को गिराने का एक्शन प्लान मांगा है. यहां पर 14 मंजिलों वाले सात टावर बने हैं. लेकिन निर्माण कार्य और सामग्री में खामी की वजह से ये रहने वालों के लिए सुरक्षित नहीं पर गए. इन्हें गिराने से पहले आसपास के इलाके और वहां के नागरिकों को कैसे सुरक्षित रखा जाए इसकी पूरी कार्ययोजना पहले से बनाकर उस पर अमल करना होगा.

उधर इन टॉवर्स में घर खरीदारों ने एनबीसीसी की ओर से दिए गए रिफंड को सिरे से ठुकरा दिया है। उन्होंने कहा है कि बाजार दर के आधार पर ही उन्हें फ्लैट की फ्लैट की कीमत यानी मुआवजा दिया जाए.

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