पल्लवी पटेल और ओवैसी करने जा रहे गठबंधन का ऐलान, इस रणनीति ने बढ़ा दी अखिलेश यादव की टेंशन

कुमार अभिषेक

31 Mar 2024 (अपडेटेड: 31 Mar 2024, 09:24 AM)

लोकसभा चुनाव को लेकर यूपी में एक नया गठबंधन का ऐलान आज हो सकता है. बता दें कि पल्लवी पटेल और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टियों के बीच गठबंधन हो सकता है. इस गठबंधन के सहारे पल्लवी पटेल, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के वोट बैंक में बड़ी सेंधमारी करनी की रणनीति बना रही हैं.

पल्लवी पटेल और असदुद्दीन ओवैसी. साथ में अखिलेश यादव

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UP News: लोकसभा चुनाव को लेकर उत्तर प्रदेश से बड़ी खबर सामने आ रही है. बता दें कि पल्लवी पटेल और असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा चुनाव में हाथ मिला लिया है. दरअसल अपना दल कमेराबादी और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के बीच गठबंधन होने जा रहा है. मिली जानकारी के मुताबिक, आज यानी रविवार करीब 2 बजे लखनऊ में पल्लवी पटेल और असदुद्दीन ओवैसी साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस भी करने जा रहे हैं.

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दोनों के बीच मुलाकात की कुछ तस्वीरें भी सामने आई हैं, जिसमें पल्लवी पटेल समेत उनकी पार्टी के नेता  असदुद्दीन ओवैसी और उनकी पार्टी के नेताओं से मिलते हुए नजर आ रहे हैं.

सपा के वोट बैंक में सेंध लगाने की तैयारी

पिछले दिनों पल्लवी पटेल की पार्टी का समाजवादी पार्टी से गठबंधन टूट गया था. माना जा रहा है कि अब पल्लवी पटेल सपा के वोट बैंक में बड़ी सेंध लगाने की तैयारी कर रही हैं. इसलिए ही उन्होंने असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी से गठबंधन करने का फैसला किया है. इस गठबंधन के ऐलान के बाद AIMIM और अपना अपना दल (कमेरावादी) लोकसभा चुनाव में एक साथ चुनाव लड़ेंगे.

माना जा रहा है कि यूपी की मुस्लिम बहुल सीटों पर AIMIM और कुर्मी बहुल्य सीटों पर अपना अपना दल (कमेरावादी) चुनावी मैदान में खड़ें होंगे. मिली जानकारी के मुताबिक, 3 दिन पहले ही पल्लवी पटेल ने हैदराबाद में असदुद्दीन ओवैसी से मुलाकात की थी. आज इस गठबंधन का ऐलान पल्लवी पटेल और ओवैसी खुद कर सकते हैं.

पल्लवी ने सपा को लिया था निशाने पर

सपा से गठबंधन टूटने के बाद पल्लवी पटेल ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा था, (सपा के) 2017 में 47 विधायक जीते. साल 2022 में ओम प्रकाश राजभर जी उनके साथ आए, संजय चौहान, केशव देव मौर्या, जयंत चौधरी, राजमाता कृष्णा पटेल साथ आए तब आप 47 से 111 हुए और 34 प्रतिशत वोट आपको मिले. इसके बाद आपको लगने लगा कि 34 प्रतिशत वोट आपके हैं और अब आपको किसी की जरूरत नहीं है. आप गलतफहमी में जी रहे हैं.

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