न्यायालय के आदेश के बाद भी मुख्तार अंसारी को व्यक्तिगत रूप से 17 जनवरी को एक बार फिर गाजीपुर की एमपी एमएलए कोर्ट में पेश नहीं किया जा सका. 2001 के हाई प्रोफाइल उसरी चट्टी हत्याकांड में मऊ सदर के पूर्व विधायक और माफिया मुख्तार अंसारी और पूर्व एमएलसी बृजेश सिंह तारीख थी. पिछली तीन तारीख से कोर्ट के आदेश के बावजूद बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी और मुख्य गवाह को पुलिस पेश नहीं कर पाई.
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अब इस प्रकरण में 23 जनवरी की तारीख कोर्ट की ओर से तय की गई है. हालांकि दोनों तरफ के वकील न्यायालय में मौजूद रहे और न्यायालय की कार्यवाही में उपस्थिति दर्ज कराया.
इस बहुचर्चित हाई प्रोफाइल मुकदमे “उसरी चट्टी कांड” में मंगलवार को मुख्तार अंसारी गवाही के लिए बांदा जेल से तो नहीं आ पाए लेकिन उनकी तरफ से एक महत्वपूर्ण गवाह और अंसारी का राइट हैंड कहा जाने वाला अफरोज खान उर्फ चुन्नू बतौर गवाह पेश हुआ. जो गवाही के बाद कोर्ट के पिछले दरवाजे से पुलिस अभिरक्षा में निकल गया. इस प्रकरण में एडीजीसी क्रिमिनल नीरज श्रीवास्तव ने बताया कि आज उसरी कांड में अगली तारीख 23 जनवरी पड़ी है. उन्होंने बताया कि आज मुख्तार अंसारी की अन्य केसों में वर्चुअल पेशी की तारीख होने के कारण गाज़ीपुर की एमपी-एमएलए की अदालत में पेश नही हो सके हैं. उन्होंने भी बताया कि आज इस मुकदमें के गवाह अफरोज खान 5 वें गवाह के तौर पर अपनी बात न्यायालय के सामने रखी है.
बता दें कि अभी तक पांच गवाह इस केस में गुज़र चुके हैं और सभी अपने 161 के बयान पर कायम हैं.
बता दें 15 जुलाई 2001 में मऊ सदर के तत्कालीन विधायक मुख्तार अंसारी अपने गृह आवास मोहम्मदाबाद से मऊ जा रहा था. तभी रास्ते में उसरी जो थाना मोहम्मदाबाद कोतवाली अंतर्गत आता है, वहां पर उसके काफिले पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाई गई थी. जिसमें उनके सरकारी गनर की मौके पर मौत हो गई थी और एक सहयोगी की अस्पताल में मौत हुई थी. जबकि 8 से 9 लोग घायल हो गए थे. इस मुकदमे में वादी मुख्तार अंसारी ने बृजेश सिंह त्रिभुवन सिंह और त्रिभुवन सिंह के भतीजे अनिल सिंह को नामजद और दर्जनों अज्ञात के खिलाफ FIR कराई थी. वह मुकदमा गाजीपुर की ट्रायल कोर्ट में 21 साल से चल रहा है.
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