लखीमपुर खीरी: एक और लड़की बनी दरिंदों की शिकार, छेड़खानी-मारपीट के बाद हुई मौत

अभिषेक वर्मा

• 12:05 PM • 17 Sep 2022

Lakhimpur Kheri news: लखीमपुर खीरी जिले में निघासन में दो बेटियों की मौत के बाद अब भीरा थाना क्षेत्र के मूसेपुर गांव में छेड़खानी और…

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Lakhimpur Kheri news: लखीमपुर खीरी जिले में निघासन में दो बेटियों की मौत के बाद अब भीरा थाना क्षेत्र के मूसेपुर गांव में छेड़खानी और मारपीट की शिकार लड़की की इलाज के दौरान मौत का मामला सामने आया है. रिपोर्ट के मुताबिक 12 सितंबर को लखीमपुर खीरी के मूसेपुर गांव की रहने वाली 18 वर्षीय लड़की अपने घर पर अकेली थी तभी गांव के ही रहने वाले दो युवक करीमुद्दीन और यूसुफ उसके घर के अंदर घुस गए और लड़की के साथ छेड़छाड़ करने लगे. जब लड़की ने इसका विरोध किया तो आरोपियों ने उसके साथ जमकर मारपीट की. इसी दौरान लड़की की मां भी मौके पर पहुंच गई और विरोध करने लगी. आरोपियों ने मां के साथ भी मारपीट भी और मौके से फरार हो गए.

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शाम को जब लड़की का भाई घर पहुंचा तो माने अपने बेटे को सारी बात बताई जिस पर मां अपनी घायल बेटी को लेकर पहले पडरिया पुलिस पिकेट पर ले गई. जब वह किसी ने नहीं सुनी तो उसे बिजुआ पुलिस चौकी पर ले गई, लेकिन जब वहां से भी कोई पुलिसिया कार्रवाई नहीं हुई, तो पीड़िता अपनी घायल बेटी को लेकर भीरा थाने पहुंच गई. लड़की की मां ने बताया कि पुलिस ने अपने मुताबिक लड़की के बयान लेकर वीडियो बना लिया और सिर्फ 323, 504, 506 जैसी धाराओं में एनसीआर दर्ज कर लिया था. आरोपियों को मामूली धाराओं में ही छोड़ दिया गया.

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पीड़िता की मां लगातार आरोपियों के खिलाफ घर में घुसकर छेड़छाड़ करने और मारपीट करने का मुकदमा दर्ज करने की मांग कर रही थी लेकिन पुलिस ने उसकी एक नहीं सुनी और लड़की का मेडिकल टेस्ट नहीं कराया.16 सितंबर को लड़की की हालत ज्यादा बिगड़ गई, जिस पर लड़की की मां और उसका भाई उसे लेकर बिजुआ सीएचसी गए. वहीं उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई.

लड़की की मां ने पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप

लड़की की मां ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि अगर पुलिस एक्टिव होकर धाराएं दर्ज करती और बेटी को समय से इलाज मिलता तो उसकी जान बच गई होती. बताया जा रहा है कि लड़की ने मरने से पहले दिए गए बयान में गांव के ही रहने वाले करीमुद्दीन, युसूफ पर छेड़छाड़ करने और मारपीट करने का आरोप लगाया है. पुलिस पर आरोप लगाने के बाद परिवार ने लड़की के शव का पोस्टमॉर्टम कराने से मना कर दिया. तभी मौके पर पहुंचे जिले के आला अधिकारियों ने पीड़ित परिवार को समझा-बुझाकर रात करीब 1:00 बजे लड़की के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए जिला मुख्यालय भेज दिया.

इस मामले में एसडीएम गोला अनुराग सिंह ने बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत की असल वजह पता चलेगी. उन्होंने कहा कि इस मामले में जो भी दोषी पाए जाएंगे उनपर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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