लखीमपुर खीरी कांड: आशीष मिश्रा और अंकित दास के हथियार जांच के लिए फॉरेंसिक लैब भेजे गए

संतोष शर्मा

• 09:31 AM • 16 Oct 2021

लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में हुई हिंसा के मामले में SIT की जांच लगातार जारी है. इसी क्रम में हिंसा के आरोपी केंद्रीय गृह राज्य…

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लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में हुई हिंसा के मामले में SIT की जांच लगातार जारी है. इसी क्रम में हिंसा के आरोपी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा और अंकित दास के सभी चारों हथियारों को जांच के लिए फॉरेंसिक लैब भेजा गया है.

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आपको बता दें कि तिकुनिया में 3 अक्टूबर को हुई हिंसा के दौरान यह आरोप भी लगाया गया था कि आशीष मिश्रा और अंकित ने प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग भी की थी. पुलिस ने इन आरोपों के आलोक में आशीष मिश्रा के 2 और अंकित दास के 2 हथियारों को जांच के लिए भेजा है. इनकी बैलिस्टिक रिपोर्ट से यह स्पष्ट हो सकेगा कि इनसे फायरिंग हुई थी या नहीं.

आपको बता दें कि लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में संयुक्त किसान मोर्चा ने आरोप लगाया था कि गाड़ी से कुचलने के अलावा प्रदर्शनकारियों को गोली भी मारी गई थी. हालांकि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में किसी भी मृतक के शरीर पर गोलियों के जख्म नहीं मिले थे.

इस मामले में SIT विगत 14 अक्टूबर को आशीष मिश्रा और अंकित दास को लेकर घटनास्थल पर भी पहुंची थी. एसआईटी ने क्राइम सीन को रीक्रिएट कर यह समझने की कोशिश की थी कि आखिर 3 अक्टूबर को क्या हुआ था. पुलिस ने जब आशीष मिश्रा से घटनास्थल के बारे में जानकारी लेनी शुरू की तो आशीष अपने बयान पर कायम रहे कि वह घटनास्थल पर थे ही नहीं तो उनको नहीं मालूम कहां क्या हुआ था. इस मामले में पुलिस इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस के सहारे भी सबूत इकट्ठा करने में जुटी है.

घटना के वक्त काफिले में शामिल तीन गाड़ियों में सबसे आगे थार जीप आशीष मिश्रा के पिता केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा की थी, पीछे चल रही फॉर्च्यूनर अंकित दास की थी जो उनकी फर्म के नाम पर रजिस्टर्ड है. पुलिस को छानबीन में पता चला है कि सबसे पीछे चल रही स्कॉर्पियो ठेकेदार की नहीं, बल्कि आशीष मिश्रा के करीबी रिश्तेदार की थी और उसको आशीष मिश्रा का ड्राइवर शिवकुमार चला रहा था.

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