उत्तर प्रदेश के जौनपुर से एक खौफनाक खबर सामने आई है जिसे सुनकर खून के रिश्तों से भी शायद भरोसा उठ जाएगा. अहमदपुर गांव के रहने वाले 65 साल के श्याम बहादुर अपनी पत्नी बबीता के साथ रहते थे. श्याम बहादुर के चार बच्चे थे जिनमें से तीन बेटियां और एक बेटा था अम्बेश. अम्बेश कोलकाता में अपने बीवी-बच्चों के साथ रहता था. लेकिन पिछले कुछ महीने से अम्बेश गांव आकर अपने माता-पिता के साथ रह रहा था. आरोप के मुताबिक अम्बेश का अक्सर अपने माता-पिता से पैसे और जमीन को लेकर विवाद होता था. इस बीच उसने दोनों की हत्या कर दी. फिर शव को बोरे में भरकर नदी में फेंक दियाा था. लेकिन जब कई दिनों तक श्याम बहादुर की बेटी की अपने माता-पिता से बात नहीं पा रही थी तब उसने पुलिस को उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई तब पुलिस ने इस मर्डर केस का खुलासा किया.
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कैसे हुआ खुलासा
श्याम बहादुर की बेटी वंदना कई दिनों से अपने माता-पिता से बात करने की कोशिश कर रही थी. लेकिन उसके फोन का कोई जवाब नहीं मिल रहा था. वंदन का शक उस वक्त और बढ़ गया जब उसके भाई अम्बेश का फोन भी नहीं लग रहा था. ऐसे में वंदना ने 13 दिसंबर को अपने माता-पिता और भाई के गायब होने की गुमशुदगी की रिपोर्ट जफराबाद थाने में दर्ज कराई. इस मामले में जब पुलिस ने खोजबीन शुरू की तो 15 दिसंबर को अम्बेश को हिरासत में ले लिया.
शव को बोरे में भरकर नदी में फेक आया था बेटा
अपर पुलिस अधीक्षक नगर आयुष श्रीवास्तव ने जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस पूछताछ में अम्बेश ने जुर्म कबूल कर लिया है. उसने बताया कि पारिवारिक और पैसे के विवाद को लेकर 8 दिसंबर की रात में उसने अपने माता-पिता के सिर पर प्रहार कर उनकी हत्या कर दी थी. हत्या के बाद अम्बेश ने दोनों शवों को बोरे में भरा और घर से लगभग 7 किलोमीटर दूर बेलाव पुल से नदी में फेंक दिया. पुलिस अब अम्बेश की निशानदेही पर नदी में सघन सर्च ऑपरेशन चलाकर दोनों शवों को बरामद करने की कोशिश कर रही है. माता-पिता की इस निर्मम हत्या से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है और हर कोई यह जानने की कोशिश कर रहा है कि आखिर ऐसी क्या पारिवारिक मजबूरी थी जिसके चलते एक बेटे ने इतना जघन्य अपराध किया.
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