इन दिनों बनारस (floods in varanasi) की सड़कें और गलियां बाढ़ के पानी में डूबी हुई हैं. गंगा में उफान से बाढ़ की स्थिति भयावह है. बाढ़ के चलते लोग अपने घरों को छोड़ शेल्टर होम में रहने को मजबूर हैं. बाढ़ से बिगड़े हाल को देखते हुए प्रशासन ने पीड़ितों के लिए एक कंट्रोल रूम भी सेट कर दिया है. वहीं NDRF के जवान बाढ़ पीड़ितों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर ले जा रहे हैं.
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बाढ़ का जायजा लेने के लिए वाराणसी तक (Varanasi Tak) की टीम ग्राउंड पर पहुंची और टीम ने जिले के लोगों से बातचीत कर उनकी परेशानी जानने की कोशिश की.
बातचीत के दौरान नरेंद्र तिवारी नामक शख्स ने बताया कि बाढ़ के चलते घरों में लाइट नहीं है, पीने के लिए पानी की समस्या हो गई है. खाने के लिए भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
मनशा मिश्रा नामक महिला ने कहा कि बाढ़ के चलते उन्हें बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है. घर में बाढ़ का पानी घुस गया है, इसके चलते खाना-पीना तो घर पर बनना बंद हो गया है.
गौरतलब है कि बाढ़ के चलते लोगों को अपना घर छोड़कर पलायन करना पड़ रहा है. ऐसे में उनके घर खाली हैं. मनशा के मुताबिक, चोरी होने के डर से लोग घर को छोड़कर नहीं जाना चाहते हैं.
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वाराणसी: बाढ़ के चलते रामनगर किला आधे से ज्यादा गंगा में समाया, जनजीवन अस्त-व्यस्त
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