रामगोपाल मिश्र के नाखून उखाड़े गए या नहीं... सरफराज को फांसी की सजा देते हुए कोर्ट ने जो लिखा वो पुलिस के दावे से उलट!

बहराइच सांप्रदायिक हिंसा 2024 मामले में कोर्ट का बड़ा फैसला सामने आया है. मुख्य दोषी सरफराज उर्फ रिंकू को मौत की सजा मिली है. 9 सह दोषी आजीवन कारावास की सजा काटेंगे. कोर्ट ने मृतक राम गोपाल मिश्रा के साथ क्रूरता (नाखून उखाड़ने) की बात सही मानी है जिसे पुलिस ने भ्रामक बताया था.

Photo: Ram Gopal Mishra

राम बरन चौधरी

12 Dec 2025 (अपडेटेड: 12 Dec 2025, 08:17 PM)

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बहराइच में साल 2024 में हुई सांप्रदायिक हिंसा से जुड़े एक मामले में गुरुवार को कोर्ट ने सरफराज उर्फ रिंकू को राम गोपाल मिश्रा की हत्या का दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई है. कोर्ट ने राम गोपाल मिश्रा को गोली मारने के जुर्म में सरफराज को यह कठोर सजा सुनाई है. इसके अलावा सरफराज के पिता अब्दुल हमीद और उसके दो भाई तालिब उर्फ सबलू व फहीम सहित कुल 9 लोगों को इस घटना का सह-दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई गई है.

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इस पूरे मामले में एक महत्वपूर्ण मोड़ तब आया जब कोर्ट ने मृतक राम गोपाल मिश्रा के साथ हुई क्रूरता के उन दावों को सही ठहराया जिन्हें घटना के बाद पुलिस द्वारा भ्रामक बताया गया था. 13 अक्टूबर 2024 को हुई इस घटना के बाद मीडिया में खबरें थीं कि मृतक के साथ बर्बरता की गई. उसके नाखून तक उखाड़ लिए गए थे. हालांकि उस समय तत्कालीन एसपी ग्रामीण पवित्र मोहन त्रिपाठी ने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का हवाला देते हुए हत्या का कारण केवल गोली लगना बताया था और नाखून उखाड़ने जैसी क्रूरता की खबरों को भ्रामक बताकर खारिज कर दिया था.

कोर्ट ने अपने निर्णय में इस क्रूरता के तथ्य को स्वीकार किया है. कोर्ट ने अपने निर्णय लिखा कि दोष सिद्ध लोगों ने मृतक राम गोपाल मिश्रा के साथ इस स्तर की क्रूरता की कि उसके दोनों पैर के नाखूनों को जलाया गया कि वे बाहर आ गए. इसके अतिरिक्त उसकी आंखों की आइब्रो पर भी चोट पहुंचाई गई थी. कोर्ट के इस फैसले ने न केवल हत्या के दोषियों को सजा दी है, बल्कि घटना के दौरान हुई बर्बरता पर मुहर लगा दी है.

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