UP News: 28-29 जनवरी की रात प्रयागराज महाकुंभ में मची भगदड़ ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था. घटना के 16 घंटे बाद महाकुंभ प्रशासन ने बताया था कि संगम नोज में मची भगदड़ में 30 लोगों की जान गई थी तो वहीं 60 लोग घायल हुए थे. कुछ घंटे बाद ये भी सामने आया था कि महाकुंभ के झूंसी क्षेत्र में भी भगदड़ मची थी. चश्मदीदों का दावा था कि इसमें भी कई लोगों की जान चली गई थी. फिलहाल पुलिस भगदड़ की जांच कर रही है. मगर अब महाकुंभ में मची भगदड़ का दावा करते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है.
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वायरल वीडियो में कुछ लोग प्रयागराज महाकुंभ में 'अखिलेश यादव जिंदाबाद' नारेबाजी करते हुए नजर आ रहे हैं. दावा किया जा रहा है कि इन्हीं लोगों की वजह स महाकुंभ में भगदड़ मची. सोशल मीडिया पर काफी लोग उत्तर प्रदेश सरकार से इन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं और इन्हें ही महाकुंभ में मची भगदड़ का जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.
वायरल वीडियो के फैक्ट चेक में क्या सामने आया?
अब हम आपको इस वायरल वीडियो की सच्चाई बताते हैं. ये सच है कि सोशल मीडिया पर वायरल ये वीडियो प्रयागराज महाकुंभ की ही है. मगर हमारी जांच में सामने आया है कि ये वीडियो भगदड़ वाली रात की नहीं है. दरअसल सोशल मीडिया पर वायरल ये वीडियो भगदड़ की रात से 2 दिन पहले की है.
प्रदीप यादव ने बताई पूरी कहानी
वीडियो की जांच के दौरान हमें प्रदीप यादव का फेसबुक अकाउंट मिला. इसी अकाउंट से ये वीडियो सबसे पहले शेयर किया गया था. हमारे सहयोगी 'आजतक' ने प्रदीप यादव से बात की तो उन्होंने वीडियो की पूरी सच्चाई बता दी.
प्रदीप यादव ने बताया कि सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो 27 जनवरी का है. वह अपने दोस्तों के साथ रायबरेली से प्रयागराज महाकुंभ गए थे. वहां कुछ लोग मोदी-योगी जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे. ये देख मैंने और मेरे दोस्तों ने भी वहां अखिलेश भैया जिंदाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिए. ये उसी समय की वीडियो है, जो मेरे दोस्तों ने ही रिकॉर्ड की और फिर हमने इसे सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया.
मेटा डेटा का स्क्रीनशॉट भी शेयर किया
प्रदीप यादव ने वीडियो की सच्चाई बताते हुए आगे कहा, ये वीडियो उनके दोस्त वीरेंद्र यादव ने अपने फोन से रिकॉर्ड किया था. इस दौरान प्रदीप ने वीडियो से संबंधित मेटा डेटा का स्क्रीनशॉट भी भेजा. इसके मुताबिक भी ये वीडियो 27 जनवरी की सुबह 5 बजकर 25 मिनट पर रिकॉर्ड किया गया था.
इस दौरान प्रदीप यादव ने ये भी बताया कि वह सभी दोस्त 27 जनवरी की दोपहर प्रयागराज महाकुंभ से लौटकर वापस रायबरेली आ गए थे. ऐसे में ये साफ हो गया है कि सोशल मीडिया पर 'अखिलेश यादव जिंदाबाद' वाला जो वीडियो भगदड़ के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है, वह दावा गलत है.
भगदड़ की जांच जारी
बता दें कि भगदड़ की जांच उत्तर प्रदेश पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां कर रही हैं. जांच के लिए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने न्यायिक आयोग भी गठित कर दिया है. इसी के साथ यूपी एसटीएफ को भगदड़ की जांच में साजिश की भी गंध आई है. इसके बाद साजिश के एंगल से भी एसटीएफ भगदड़ की जांच कर रही है.
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