जिस गुड न्यूज का उत्तर प्रदेश के लोगों को काफी दिनों से इंतजार था वो अब सामने आ गई है. मेरठ से प्रयागराज को जोड़ने वाला 594 किलोमीटर लंबा गंगा एक्सप्रेसवे बनकर तैयार हो गया है. यह एक्सप्रेसवे 12 जिलों की दूरियां मिटाएगा. हाई-फाई सुविधाओं से लैस 6-लेन वाला यह एक्सप्रेसवे अपनी एयर स्ट्रिप के कारण रणनीतिक रूप से भी काफी महत्वपूर्ण है. एक्सप्रेसवे के तैयार होने की सूचना के बाद अब लोग यह जानने में उत्सुक हैं कि इसपर वे अपनी गाड़ियां कब दौड़ा पाएंगे. इस सवाल का जवाब भी पता चल गया है.
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सलाहकार अवनीश अवस्थी के मुताबिक जनवरी के पहले सप्ताह में इसका ट्रायल रन शुरू हो जाएगा और 15 जनवरी के आसपास इसके भव्य उद्घाटन की प्रबल संभावना है. मालूम हो कि इस परियोजना का शिलान्यास माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शाहजहांपुर जिले में किया गया था.
गंगा एक्सप्रेसवे की 5 बड़ी खासियतें
विशाल और आधुनिक: यह एक्सप्रेसवे 6 लेन का होगा, जिसे भविष्य में 8 लेन तक बढ़ाया जा सकेगा, जिससे भारी ट्रैफिक को भी आसानी से संभाला जा सकेगा.
दो बड़े शहरों को जोड़ेगा: यह एक्सप्रेसवे मेरठ के NH-334 से शुरू होकर प्रयागराज में NH-2 बाईपास पर खत्म होगा, जिससे दोनों शहरों के बीच की दूरी और समय में काफी कमी आएगी.
12 जिलों को सीधा लाभ: यह एक्सप्रेसवे कुल 12 जिलों से होकर गुजरेगा, जिनमें मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज शामिल हैं. इससे इन जिलों का आर्थिक और औद्योगिक विकास भी होगा.
ग्रामीण कनेक्टिविटी: मुख्य एक्सप्रेसवे के साथ-साथ, स्थानीय ग्रामीणों की सुविधा के लिए दोनों तरफ 3.75 मीटर चौड़ी सर्विस रोड भी बनाई जा रही है.
ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट: यह एक्सप्रेसवे एक 'ग्रीनफील्ड' परियोजना है, जिसका मतलब है कि यह पूरी तरह से नए मार्ग पर बन रहा है. इससे भूमि अधिग्रहण और निर्माण में आने वाली बाधाएं कम हुई हैं.
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