उत्तर प्रदेश में किसानों की आय दोगुनी करने और उन्हें आधुनिक तकनीकों से लैस करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महत्वाकांक्षी योजना'किसान पाठशाला (संस्करण 8.0) सफलता के नए रिकॉर्ड बना रही है. महज 10 दिनों के भीतर इस अभियान के तहत लगभग 7 लाख किसानों को प्रशिक्षित किया जा चुका है.
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सीएम योगी ने बाराबंकी से किया था आगाज
योगी सरकार के निर्देश पर कृषि विभाग द्वारा रबी सीजन 2025-26 के लिए इस पाठशाला का आयोजन किया जा रहा है. सीएम योगी ने 12 दिसंबर को बाराबंकी जिले के दौलतपुर गांव (पद्मश्री रामसरन वर्मा का गांव) से किसान पाठशाला 8.0 का भव्य शुभारंभ किया था. तब से लेकर अब तक प्रदेश के गांव-गांव में कृषि विशेषज्ञ किसानों को खेती के नए गुर सिखा रहे हैं. कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के मुताबिक 12 दिसंबर से 21 दिसंबर के बीच प्रदेश की 6720 ग्राम पंचायतों में गोष्ठियां आयोजित की गईं.
- कुल प्रशिक्षित किसान: 6.98 लाख (लगभग 7 लाख)
- पुरुष किसान: 4.37 लाख
- महिला किसान: 2.61 लाख
यह अभियान अभी थमा नहीं है. यह पाठशाला आगामी 29 दिसंबर तक निरंतर जारी रहेगी. इससे लाखों और किसानों के जुड़ने की उम्मीद है.
पाठशाला में क्या सीख रहे हैं किसान?
किसान पाठशाला का मुख्य उद्देश्य किसानों को केवल पारंपरिक खेती तक सीमित न रखकर उन्हें एग्री-बिजनेसमैन बनाना है. इस बार रबी सीजन की पाठशाला में कई बिंदुओं पर जोर दिया जा रहा है. किसानों को रसायनों का कम उपयोग कर प्राकृतिक खेती के जरिए लागत घटाने और गुणवत्ता बढ़ाने की ट्रेनिंग दी जा रही है. इसके अलावा कृषि विश्वविद्यालयों और शोध संस्थानों में विकसित की गई नई किस्मों और बीजों की जानकारी मिल रही है.
किसानों को मृदा स्वास्थ्य के बारे में बताया जा रहा है कि वो कैसे मिट्टी की जांच करके और उसके अनुसार खाद का संतुलित उपयोग कर सकते हैं. पीएम किसान, फसल बीमा और सिंचाई योजनाओं जैसी सरकारी स्कीम का लाभ उठाने का तरीका बताया जा रहा है. किसानों को ट्रेनिंग दी जा रही है कि कटाई के बाद फसल को बर्बाद होने से कैसे बचाएं. साथ ही उन्हें बेहतर बाजार मूल्य हासिल करने के तरीके भी बताए जा रहे हैं.
2017 से अब तक 2 करोड़ किसानों को लाभ
कृषि विभाग के आंकड़ों के मुताबिक साल 2017-18 में शुरू हुई इस पहल के जरिए अब तक उत्तर प्रदेश के 2 करोड़ से अधिक किसानों को प्रशिक्षित किया जा चुका है. यह कार्यक्रम न केवल तकनीक सिखाता है, बल्कि किसानों को आत्मनिर्भर बनाने और उनकी आर्थिक स्थिति सुधारने का एक सशक्त माध्यम बन गया है.
21 हजार ग्राम पंचायतों का लक्ष्य
प्रदेश सरकार ने इस अभियान को व्यापक स्तर पर ले जाने के लिए कुल 21,000 ग्राम पंचायतों में इन गोष्ठियों के आयोजन का लक्ष्य रखा है. कृषि मंत्री ने सभी जनपदीय और मंडलीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे सुनिश्चित करें कि अंतिम छोर पर बैठा किसान भी इस पाठशाला का हिस्सा बने और सरकारी योजनाओं से लाभान्वित हो. यूपी की किसान पाठशाला मॉडल अब देश के अन्य राज्यों के लिए भी एक मिसाल बन रहा है, जहां सीधे गांव के चौपाल पर जाकर विशेषज्ञों द्वारा किसानों की समस्याओं का समाधान किया जा रहा है.
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