UP Weather Update: उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में इन दिनों गरज-चमक के साथ हो रही रुक-रुक कर बारिश ने लोगों को जहां कुछ हद तक गर्मी से राहत दी है, वहीं इसके पीछे का वैज्ञानिक कारण भी काफी दिलचस्प है. दरअसल, मध्य पाकिस्तान पर बना एक चक्रवाती परिसंचरण और हरियाणा तक फैली द्रोणी (ट्रफ लाइन) अरब सागर से आ रही नम हवाओं को पश्चिमी उत्तर प्रदेश और बुंदेलखंड तक खींच रही है, जो एक पश्चिमी विक्षोभ से मिलकर इस बारिश का कारण बन रही है. यह मौसमी बदलाव प्रदेश के पश्चिमी और दक्षिणी भागों को विशेष रूप से प्रभावित कर रहा है.
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यूपी में गरज-चमक के साथ बारिश: पाकिस्तान से हरियाणा तक फैले सिस्टम का असर
उत्तर प्रदेश के पश्चिमी और दक्षिणी क्षेत्रों में पिछले कुछ दिनों से गरज-चमक के साथ रुक-रुक कर हो रही बारिश के पीछे एक जटिल मौसमी तंत्र काम कर रहा है. मौसम विभाग के अनुसार, इस बारिश का मुख्य कारण निचले क्षोभमंडल में मध्य पाकिस्तान पर बना एक चक्रवाती परिसंचरण है. यह चक्रवाती परिसंचरण हवाओं को अपनी ओर खींचता है, जिससे एक द्रोणी (ट्रफ लाइन) हरियाणा तक फैली हुई है.
यह द्रोणी अरब सागर से नम हवाओं को पश्चिमी उत्तर प्रदेश और बुंदेलखंड के इलाकों तक खींच रही है. इन नम हवाओं का मिलन उत्तरी पाकिस्तान पर से आगे बढ़ रहे एक पश्चिमी विक्षोभ से हो रहा है. जब ये तीनों मौसमी घटक- चक्रवाती परिसंचरण, ट्रफ लाइन और पश्चिमी विक्षोभ आपस में मिलते हैं, तो इनके परिणामस्वरूप गरज-चमक के साथ छिटपुट बारिश की गतिविधियां शुरू हो जाती हैं.
इस मौसमी गतिविधि के चलते प्रदेश के पश्चिमी और दक्षिणी भागों में गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की जा रही है. मौसम विभाग का कहना है कि यह बारिश का दौर धीरे-धीरे पूर्व की ओर भी बढ़ सकता है, जिससे आगामी दिनों में प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी मौसम का मिजाज बदल सकता है. यह बारिश न केवल तापमान में कुछ गिरावट लाएगी, बल्कि किसानों के लिए भी महत्वपूर्ण हो सकती है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां अभी भी पानी की कमी है. हालांकि, तेज हवाओं और वज्रपात की आशंका को देखते हुए लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है.
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