UP NCRB Data: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भले ही बेहतर कानून-व्यवस्था और महिला सुरक्षा के लाख दावे कर ले, लेकिन जमनी आंकड़े कुछ अलग ही तस्वीर पेश कर रहे हैं. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) की ताजा रिपोर्ट ने एक बार फिर चिंता बढ़ा दी है. NCRB ने महिलाओं के खिलाफ उत्तर प्रदेश में हो रहे अपराधों को लेकर आंकड़े दे दिए हैं. इन आंकड़ों से पता चलता है कि उत्तर प्रदेश में पति या रिश्तेदारों की तरफ से क्रूरता और अपहरण जैसे अपराधों में लगातार बढ़ोतरी हुई है.
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NCRB की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, साल 2023 में देश भर में महिलाओं के खिलाफ लगभग 4.5 लाख (4,48,211) अपराध दर्ज किए गए. यह संख्या 2022 और 2021 की तुलना में थोड़ी ज़्यादा है. देश भर में हर एक लाख महिलाओं पर औसतन 66.2 अपराध दर्ज हुए हैं.
सबसे ज्यादा मामलों में यूपी टॉप पर
सबसे ज्यादा मामले: सबसे ज्यादा मामले उत्तर प्रदेश (66,381) में दर्ज हुए हैं. इसके बाद महाराष्ट्र (47,101) और राजस्थान (45,450) का स्थान है.
सबसे ज्यादा अपराध दर: मामलों की संख्या की बजाय, प्रति लाख महिलाओं पर अपराध दर के मामले में तेलंगाना (124.9) सबसे आगे रहा, जिसके बाद राजस्थान और ओडिशा का नंबर है।
किस तरह के अपराध सबसे ज्यादा?
- महिलाओं के खिलाफ हुए अपराधों में सबसे ज्यादा मामले पति या रिश्तेदारों द्वारा क्रूरता के थे (1,33,676 मामले).
- इसके बाद महिलाओं के अपहरण के मामले दूसरे नंबर पर थे (88,605 मामले).
- महिलाओं पर हमला करने के मामले (83,891) और बलात्कार के मामले (29,670) भी बड़ी संख्या में दर्ज हुए.
NCRB की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2023 के आखिर में 182219 मामले पुलिस जांच के लिए लंबित थे. वहीं, अदालतों में 23 लाख से ज्यादा मामले लंबित थे, जिसका मतलब है कि इन मामलों में फैसला आना बाकी है. इन अपराधों के लिए 2023 में कुल 667940 लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिसमें 587441 पुरुष और 80490 महिलाएं शामिल थीं.
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