यूपी में इस स्कीम से किसानों का फ्री में हो जाता है 5 लाख रुपये का जीवन बीमा!

Krishak Durghatna Kalyan Yojana: उत्तर प्रदेश सरकार की 'कृषक दुर्घटना कल्याण योजना' के तहत दुर्घटनाग्रस्त किसानों को ₹5 लाख तक की सहायता मिलती है. जानिए लाभ, पात्रता, आवेदन प्रक्रिया और जरूरी दस्तावेज.

प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

यूपी तक

• 05:45 PM • 16 Apr 2025

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Krishak Durghatna Kalyan Yojana: उत्तर प्रदेश सरकार किसानों की सुरक्षा और उनके परिवारों की मदद के लिए 'कृषक दुर्घटना कल्याण योजना' चला रही है. इस योजना के तहत दुर्घटना के शिकार किसानों को 5 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता दी जाती है. दोनों हाथ-पैर खोने, एक हाथ और एक पैर की हानि या आंख की क्षति होने पर अधिकतम मुआवजा मिलता है. वहीं, 25% से 50% तक की विकलांगता पर 1 से 2 लाख रुपये तक की सहायता दी जाती है. अगर किसी किसान की दुर्घटना में मौत हो जाती है, तो उसके परिजनों को यह आर्थिक मदद मिलती है. 

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कृषक दुर्घटना कल्याण योजना उत्तर प्रदेश सरकार की एक महत्त्वपूर्ण पहल है, जो किसानों और उनके परिवारों को आकस्मिक घटनाओं में आर्थिक साहायता प्रदान करती है. खेती-किसानी एक जोखिम भरा कार्य है, जिसमें प्राकृतिक आपदाओं से लेकर दुर्घटनाओं तक का खतरा बना रहता है. ऐसे में यह योजना किसानों के जीवन में एक सुरक्षा कवच की तरह काम करती है, जिससे न केवल उन्हें बल्कि उनके परिवार को भी राहत मिलती है. यह योजना किसानों के सुरक्षा की दिशा में एक बड़ा कदम है, जो उन्हें सम्मानजनक जीवन की तरफ ले जाती है. आवेदन और पात्रता से जुड़ी पूरी जानकारी के लिए आगे पढ़ें.

क्या हैं इस योजना का लाभ?

  • दोनों हाथ और दोनों पैर खोने पर: ₹5 लाख की सहायता राशि.
  • एक हाथ और एक पैर खोने पर: ₹5 लाख की सहायता राशि.
  • एक हाथ और एक पैर में अपंगता होने पर: ₹2 लाख से ₹3 लाख तक की मदद.
  • अगर किसान की दुर्घटना में मृत्यु हो जाती है: ₹5 लाख तक की सहायता राशि.
  • अगर 25% से ज़्यादा लेकिन 50% से कम अपंगता होती है: ₹1 लाख से ₹2 लाख तक की मदद.
  • अगर एक आंख चली जाती है: ₹5 लाख तक की सहायता.

किन दुर्घटनाओं में सहायता मिलेगी:

इस योजना का लाभ निम्नलिखित हादसों में मिलेगा, लेकिन इसके लिए आवेदन करना होगा:

  • पेड़ गिरने से चोट या मृत्यु
  • भूस्खलन (landslide)
  • यात्रा के दौरान दुर्घटना
  • बिजली गिरने से नुकसान
  • बाढ़ में बह जाना
  • जानवर के काटने से नुकसान
  • करंट लगना (electrocution)
  • आग में जलने से
  • घर गिरने से चोट/मृत्यु
  • आतंकवादी हमले से
  • झगड़े में दुर्घटना
  • गड्ढे में गिरना
  • डकैती में हत्या


क्या है योजना के लिए पात्रता?

  • यह लाभ 14 सितंबर 2019 के बाद हुई दुर्घटनाओं पर भी मिलेगा.
  • किसान की उम्र 18 से 70 साल के बीच होनी चाहिए.
  • अगर किसान की मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिवार के सदस्य जैसे माता-पिता, पत्नी, बेटा, बेटी, बहू, पोता-पोती को लाभ मिलेगा.
  • जो किसान अपनी ज़मीन न होने पर बंटाई (बटाई) या पट्टे पर खेती करते हैं, वे भी इस योजना के पात्र हैं.
  • 60% या उससे अधिक अपंगता वाले किसानों को योजना का लाभ मिलेगा.


आवेदन कैसे करें (Application Process):

ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरीके से आवेदन कर सकते हैं-


ऑनलाइन आवेदन:

  • योजना की आधिकारिक वेबसाइट e-District पर जाएं.
  • Registered User Login सेक्शन में जाएं.
  • अगर पहले से रजिस्ट्रेशन नहीं है, तो New User Registration पर क्लिक करें.
  • लॉगिन करें और मुख्यमंत्री किसान दुर्घटना सहायता योजना वाले आवेदन फॉर्म पर क्लिक करें.
  • फॉर्म में मांगी गई जानकारी भरें, जैसे दुर्घटना पीड़ित का विवरण, पता, दुर्घटना की जानकारी आदि.
  • जरूरी दस्तावेज़ अपलोड करें.
  • आवेदन सबमिट करें.

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ऑफलाइन आवेदन  

सबसे पहले, दुर्घटना के 45 दिनों के अंदर, किसान या उसके परिवार के सदस्यों को दुर्घटना से जुड़ी सारी जानकारी आवेदन फॉर्म में भरकर ज़िलाधिकारी (District Collector) के कार्यालय में जमा करनी होगी. इसके बाद आवेदन तहसील में भेजा जाएगा, जहां अधिकारियों द्वारा सभी जानकारियों की जांच की जाएगी. जांच प्रक्रिया पूरी होने के बाद, आवेदन करने वाले किसान को इस योजना के तहत लाभ प्रदान किया जाएगा.

जरूरी दस्तावेज (Documents Required):

  • खतौनी की सत्यापित कॉपी या
  • रजिस्टर्ड पट्टे की सत्यापित कॉपी (पट्टेदार के लिए)
  • बटाईदार के लिए कोई एक प्रमाण पत्र:
  • जमीन मालिक या उनके वारिस का प्रमाण कि मृत/अपंग किसान ने उस ज़मीन पर खेती की थी. या
  • अगर ज़मीन मालिक उपलब्ध न हो, तो ग्राम प्रधान और क्षेत्रीय लेखपाल द्वारा प्रमाण पत्र.
  • उम्र प्रमाण पत्र
  • पता प्रमाण पत्र
  • परिवार के सदस्यों का विवरण

(यह खबर यूपी Tak के साथ इंटर्नशिप कर रहे सिद्धार्थ मौर्य ने लिखी है.)

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