उत्तर प्रदेश में घर या फ्लैट खरीदने वालों को सबसे ज्यादा दिक्कतें गौतमबुद्ध नगर, लखनऊ, गाजियाबाद, वाराणसी और मेरठ में आ रही हैं. ये वो शहर हैं जहां रियल एस्टेट का काम तेजी से चल रहा है और यहीं पर सबसे ज्यादा शिकायतें दर्ज की गई हैं.
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उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (यूपी रेरा) के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में कुल शिकायतों का 39% हिस्सा दर्ज किया गया है और इसका निपटान दर भी लगभग 40% है. यूपी रेरा की स्थापना के बाद से अब तक कुल 58545 शिकायते मिली हैं जिनमें से 50,812 (85.20%) का सफलतापूर्वक निपटारा किया जा चुका है.
इन जिलों में हो रही सबसे अधिक शिकायत
प्राधिकरण ने कहा कि अधिकांश शिकायतें कब्जे में देरी, धन वापसी और प्रमोटरों द्वारा ब्याज भुगतान से संबंधित हैं. बयान में कहा गया है कि 'शिकायतों का वितरण राज्य के शहरी केंद्रों के विकास की गति को भी दर्शाता है. उपभोक्ता शिकायतों के मामले में शीर्ष पांच जिले गौतम बुद्ध नगर, लखनऊ, गाजियाबाद, वाराणसी और मेरठ हैं. ये जिले रियल एस्टेट विकास के प्रमुख केंद्र होने के कारण आवास परियोजनाओं और कब्जे में देरी से जुड़ी ज्यादातर समस्याओं के लिए जिम्मेदार हैं.'
यूपी रेरा के अध्यक्ष संजय भूसरेड्डी ने कहा कि प्राधिकरण घर खरीदारों के अधिकारों की रक्षा और रियल एस्टेट क्षेत्र में पारदर्शिता लाने के मिशन के साथ काम कर रहा है.उन्होंने कहा,'शिकायतों के निपटान की उच्च दर प्राधिकरण की कार्यकुशलता और समय पर न्याय के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है. हम प्रमोटरों की जवाबदेही सुनिश्चित करने और राज्य भर में उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए अपने प्रयासों को और मजबूत करते रहेंगे.'
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