उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर राज्य सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए एक बड़ी जानकारी साझा की है. लखनऊ के एसजीपीजीआई में आयोजित इंडियन सोसाइटी ऑफ नेफ्रोलॉजी के 54वें वार्षिक अधिवेशन (ISNCON-2025) को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने बताया कि पिछले एक वर्ष में मुख्यमंत्री राहत कोष (CM Relief Fund) के माध्यम से जरूरतमंदों के इलाज के लिए 1700 करोड़ रुपये से अधिक की राशि उपलब्ध कराई गई है. सीएम योगी ने किडनी की बीमारियों को एक गंभीर चुनौती बताते हुए इसे महामारी बनने से रोकने के लिए जागरूकता और बचाव पर जोर दिया.
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एक साल में 1700 करोड़ की मदद, 5.5 करोड़ गोल्डन कार्ड
सीएम योगी ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं पर हर व्यक्ति का अधिकार होना चाहिए. उन्होंने बताया कि उनकी सरकार ने इस दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाए हैं. इलाज के अभाव में किसी की जान न जाए, इसके लिए एक साल में 1300 करोड़ रुपये की सहायता राशि सीधे अस्पतालों को भेजी गई है. इसके अलावा प्रदेश में गरीबों को 5.5 करोड़ गोल्डन कार्ड वितरित किए गए हैं. इससे उन्हें मुफ्त इलाज की सुविधा मिल रही है. सीएम योगी ने कहा कि 1947 से 2017 तक यूपी में सिर्फ 17 मेडिकल कॉलेज थे, लेकिन आज पीएम मोदी के मार्गदर्शन में प्रदेश में 80 मेडिकल कॉलेज संचालित हैं और 'वन डिस्ट्रिक्ट वन मेडिकल कॉलेज' का लक्ष्य पूरा होने की ओर है.
क्रॉनिक किडनी डिजीज एक बड़ी चुनौती
नेफ्रोलॉजी कॉन्फ्रेंस में सीएम योगी ने किडनी की बीमारियों पर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि कुल आबादी का लगभग 10 प्रतिशत हिस्सा क्रॉनिक किडनी डिजीज के दायरे में है. यह बीमारी तेजी से पैर फैला रही है और दुखद है कि छोटे बच्चे भी इसकी चपेट में आ रहे हैं. सीएम ने कहा कि हमें बीमारी होने से पहले ही सावधानी की दिशा में लोगों को जागरूक करना होगा. उन्होंने लोगों को नियमित और संयमित दिनचर्या अपनाने, पानी का अधिक सेवन करने और खानपान सही रखने की सलाह दी. उन्होंने कॉन्फ्रेंस में आए विशेषज्ञों से इस बीमारी पर रिसर्च पेपर प्रकाशित करने का आग्रह किया और आश्वासन दिया कि सरकार उनके सुझावों को लागू करेगी.
डॉक्टर का उत्साह मरीज की आधी बीमारी दूर करता है: CM योगी
चिकित्सकों की भूमिका की सराहना करते हुए सीएम योगी ने कहा कि डॉक्टर का आत्मविश्वास और उत्साह मरीज की आधी बीमारी को दूर कर देता है. उन्होंने कोविड काल का उदाहरण देते हुए कहा कि पीजीआई और अन्य संस्थानों के चिकित्सकों ने टीमवर्क के साथ जो काम किया, उसी का नतीजा है कि हम बड़ी आबादी को सुरक्षित रख पाए.
नेचुरल फार्मिंग की आवश्यकता
किडनी और अन्य गंभीर बीमारियों के पीछे के कारणों पर बात करते हुए सीएम योगी ने खेती में केमिकल, फर्टिलाइजर और पेस्टिसाइड के उपयोग को कम करने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि नेचुरल फार्मिंग (प्राकृतिक खेती) आज की आवश्यकता है. उन्होंने बताया कि बुंदेलखंड के 7 जिलों समेत यूपी के 34 जिलों को नेचुरल फार्मिंग से जोड़ा गया है. इस मौके पर सीएम योगी ने प्रो अमित गुप्ता को 'आई एस एन पायनियर' पुरस्कार और अन्य चिकित्सकों को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया. कार्यक्रम में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह और एसजीपीजीआई के निदेशक प्रो. आरके धीमान सहित देश-विदेश के कई विशेषज्ञ मौजूद रहे.
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