पूर्व विधायक और बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. बाराबंकी के एमपी-एमएलए कोर्ट में बाहुबली मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) और उनके गुर्गों की बुधवार को गैंगेस्टर एक्ट के तहत दर्ज मुकदमे में पेशी हुई. कोर्ट ट्रायल में मुख्य गवाह और वादी मुकदमा इंस्पेक्टर सुरेश पांडे की गवाही हुई. गवाही के दौरान मुख्तार अंसारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पूरी कार्यवाही पर खुद नजर रखे हुए था और अपने वकीलों से सलाह-मशविरा कर मुख्य गवाह को जिरह में घेरने की कोशिश करता रहा.
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बता दें कि ये मुकदमा आज कोर्ट नंबर 4 में विशेष सत्र न्यायधीश कमल कांत श्रीवास्तव ने कोर्ट में ट्रायल शुरू हुआ था. पिछली तारीखों पर कोर्ट ट्रायल के बाद मुख्तार की बांदा जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग होती थी और उसे कोर्ट की तारीख और बहस के बारे में बताया दिया जाता था. जिस पर उसने कई बार न्यायालय में एतराज किया. गुहार लगाई कि उसके सामने गवाह से जिरह करवाई जाए, क्योंकि में 18 सालों से वह जेल में बंद है. उसने ये भी बताया कि ये एम्बुलेंस मुकदमा और गैंगगेस्टर का मुकदमा फर्जी है.
इसको देखते हुए कोर्ट ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का पूरा सिस्टम मुख्य कोर्ट में लगवा दिया और मुलजिम मुख्तार के सामने जिरह हुई. जिसमें मुख्तार अंसारी की तरफ से तीन वकील मौजूद थे, जिसमें लखनऊ से आए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल जोशी, बाराबंकी के रणधीर सिंह सुमन, निमेष एहसान एडवोकेट मौजूद थे.
मुख्तार अंसारी के वकील रणधीर सिंह सुमन ने बताया कि आज पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी का कोर्ट ट्रायल शुरू हुआ. आज पहली बार कोर्ट में ही वर्चुअल सिस्टम से सुनवाई हुई, जिसमें मुख्तार अंसारी खुद मौजूद थे. उनके सामने गवाह से जिरह हुई. मुख्तार अंसारी भी वकीलों को अपनी तरफ से प्वाइंट बताते गए, लेकिन आज गवाह की गवाही पूरी नहीं हो सकी है. अब इस मुकदमे की अगली सुनवाई 19 जुलाई को होगी.
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