महाकुंभ में वायरल हुईं हर्षा अचानक लगीं खूब रोने! ये दर्द उनसे सहा नहीं जा रहा, सबकुछ बता डाला

हर्षा रिछारिया को लेकर महाकुंभ में संत समाज का एक तबका नाराज भी बताया जा रहा है. अखाड़ों के प्रवेश के दौरान हर्षा के रथ पर मौजूद रहने को गलत बताकर आपत्ति जताई जा रही है. यूपी Tak ने इस दौरान हर्षा रिछारिया का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू किया है. इंटरव्यू में एक वक्त ऐसा आया जब अपना दर्द बताकर हर्षा रिछारिया फूट-फूटकर रोने भी लगीं.

Harsha, who went viral during Maha Kumbh, suddenly broke into tears

Maha Kumbh Sundari news: महाकुंभ 2025 में इस बार चर्चा का केंद्र हैं सोशल मीडिया सेंसेशन और खुद को सनातन की अनुयायी बताने वाली हर्षा रिछारिया. पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर इन्हें महाकुंभ की सबसे सुंदर साध्वी बताया जा रहा है. हर्षा रिछारिया को लेकर महाकुंभ में संत समाज का एक तबका नाराज भी बताया जा रहा है. अखाड़ों के प्रवेश के दौरान हर्षा के रथ पर मौजूद रहने को गलत बताकर आपत्ति जताई जा रही है. यूपी Tak ने इस दौरान हर्षा रिछारिया का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू किया है. इंटरव्यू में एक वक्त ऐसा आया जब अपना दर्द बताकर हर्षा रिछारिया फूट-फूटकर रोने भी लगीं. 

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क्यों रो पड़ीं हर्षा?

इंटरव्यू के दौरान जब उनसे उनके जीवन, आरोपों और विरोधों पर सवाल किए गए, तो उन्होंने नम आंखों से बताया कि अब उन्हें महाकुंभ छोड़कर उत्तराखंड लौटना पड़ेगा. उन्होंने कहा, "यह मेरा खुद का निर्णय है. जब तक बात मुझ तक थी, कोई समस्या नहीं थी. लेकिन अब मेरे गुरुदेव को टारगेट किया जा रहा है, और मैं यह सहन नहीं कर सकती." हर्षा ने बताया कि उनका जीवन एक सामान्य लड़की की तरह था, लेकिन ईश्वर और सनातन के प्रति आस्था ने उन्हें बदल दिया. उन्होंने कहा, "कभी-कभी बड़े हादसे हमारी जिंदगी को बदल देते हैं. मैं खुद से कटने लगी और अकेले रहना पसंद करने लगी. तब मुझे ईश्वर की शरण में सुकून मिला."

हर्षा के बालों और आंखों को लेकर उठ रहे सवालों पर उन्होंने कहा, "मैंने कभी नहीं कहा कि मैं साध्वी हूं. मैं सनातन के लिए जो सही लगता है, वही करती हूं. मेरी आंखों में लेंस हैं क्योंकि मुझे चश्मा लगाना पसंद नहीं है." उन्होंने महाकुंभ में रथ पर बैठने को लेकर हो रही आलोचनाओं का भी जवाब दिया. उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि, 'पहली बात शाही सवारी हमारे गुरुदेव की निकलती है या सवारी हर अखाड़े से निकलती है. इसमें तमाम साधु और महामंडलेश्वर रहते हैं. अखाड़े से और अपने गुरुदेव से जुड़े लोग भी उन्हें शाही सवारी में रहते हैं. रथों में रहते हैं. केवल मैं नहीं थी और भी भक्त बैठे हुए थे क्योंकि मेरा चेहरा वायरल हो गया है तो सबको यह नजर आया कि केवल मैं ही बैठी हूं. मेरे अलावा और भी गृहस्थ लोग थे जो बैठे हुए थे. मैंने भगवा चोला नहीं भगवान शॉल ओढ़ी हुई थी.'

संतों के विरोध और आरोपों पर जवाब

कुछ संतों द्वारा की गई अभद्र टिप्पणियों पर हर्षा ने कहा, जब आप पद में ऊपर होते हो तो हम जैसे बालक आपसे बहुत कुछ सीखना चाहते हैं, लेकिन जब कुछ संत अभद्र टिप्पणियां करते हैं तो वह समाज के लिए और उनके खुद के लिए शर्मनाक है.कोई काली सेना है जिसके अध्यक्ष भी आप ही हैं सब कुछ आप हैं, मेरे जरिए फेमस होना चाहते हैं. वह खुद को संत बताते हैं लेकिन खुद वो शादीशुदा हैं, पहले खुद को देखें. मैं आगे चलकर साध्वी जीवन में रहूंगा या गृहस्थ जीवन अपनाऊंगी, मुझे भी नहीं पता. एक जलन की भावना है कि जब कोई आगे बढ़ता है तो उसपर कीचड़ उछालने वाले बहुत होते हैं. तपस्वियों को तो गर्व महसूस होना चाहिए लेकिन आनंद स्वरूप जैसे संतो को शर्म आनी चाहिए और मेरे गुरुदेव को लेकर जो उन्होंने कहा है उसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए.' 

क्या आप आने वाले वक्त में किसी रियलिटी शो या बिग बॉस से ऑफर एक्सपेक्ट कर रही हैं? इस सवाल के जवाब में हर्षा ने कहा, मैं अभी जहां से आई हूं मुझे अभी बहुत सीखने और समझने की जरूरत है. मैं सबके लिए बकरा बन गई हूं.राजनीति में जाने के सवाल पर हर्षा ने कहा कि उनका ऐसा कोई विचार नहीं है. फिलहाल उनका ध्यान युवाओं को सनातन की ओर प्रेरित करने पर है. महाकुंभ छोड़ने की बात पर हर्षा ने कहा, "मुझे यहां से बहुत कुछ सीखने की उम्मीद थी, लेकिन अब मुझे जाना पड़ेगा. मैं अगले 1-2 दिनों में उत्तराखंड लौट जाऊंगी."

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