विधायक पति कृष्णानंद की हत्या के बाद अलका राय ने घर और राजनीति दोनों को संभाला, जानें इनकी कहानी

रजत कुमार

30 Apr 2023 (अपडेटेड: 30 Apr 2023, 01:45 PM)

Uttar Pradesh News: बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या मामले में उत्तर प्रदेश के माफिया डॉन मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) को गाजीपुर एमपी-एमएलए कोर्ट ने…

UPTAK
follow google news

Uttar Pradesh News: बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या मामले में उत्तर प्रदेश के माफिया डॉन मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) को गाजीपुर एमपी-एमएलए कोर्ट ने शनिवार को दोषी करार दिया गया. इसको लेकर कोर्ट ने 10 साल की सजा के साथ ही 5 लाख का जुर्माना भी लगाया. मुख्तार अंसारी पर गैंग्स्टर एक्ट के तहत दर्ज मामले में फैसला सुनाया. वहीं इस मामले में कोर्ट ने मुख्तार के भाई अफजाल अंसारी को भी चार साल की सजा सुनाई है. अंसारी भाइयों को सजा दिलवाने में दिवगंत बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की पत्नी अलका राय ने एक लंबी लड़ाई लड़ी.

यह भी पढ़ें...

यूपी तक से बात करते हुए कृष्णानंद राय के बेटे पियूष राय ने बताया कि, ‘हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण दिन है. मेरी मां ने बीते कई सालों से संघर्ष किया. हम लगातार अंसारी परिवार से लड़ रहे हैं. कोर्ट ने जो फैसला सुनाया है वो स्वीकार है, लेकिन इसके लिए बदली परिस्थितियां भी कम जिम्मेदार नहीं हैं.’ बता दें कि अंसारी भाइयों को सजा मिलने के बाद अलका राय ने बेहद भावुक अंदाज में फेसबुक पर एक पोस्ट डाला है. फेसबुक पोस्ट में उन्होंने पति की फोटो के साथ एक अपनी तस्वीर भी डाली है.

अलका राय ने अपने पोस्ट में लिखा, “पूरा शहर वीरान था आपके जाने के बाद. बस हौसला मिला लोगों के विश्वास से. आज न्याय के मंदिर से आवाज आई. इंसाफ मिला है उस त्याग तपस्या से. जो आपके जाने के बाद भी हममें. लोगों ने आपके होना का विश्वास दिलाया था.”

कैसे हुई कृष्णानन्द राय की हत्या

बता दें कि 2005 को बीजेपी विधायक कृष्‍णानंद राय की निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई थी. बीजेपी विधायक कृष्‍णानंद राय किसी कार्यक्रम में हिस्‍सा लेकर लौट रहे थे, उसी दौरान हत्यारों ने उनपर हमला बोल दिया. हत्यारों ने कृष्‍णानंद की कार पर ताबड़तोड़ फायरिंग की थी. इस हमले में कृष्‍णानंद राय समेत 7 लोगों की मौत हुई थी. राय को 50 से अधिक गोलियां लगी थीं. लेकिन हत्‍या करने वाले यहीं नहीं रुके उन्‍होंने कृष्‍णानंद राय की चोटी भी काट ली थी. हत्‍या का आरोप मुख्‍तार अंसारी पर लगा.

ऐसा कहा जाता है कि मुख्तार अंसारी ने चुनावी रंजिश में बीजेपी विधायक की हत्या करा दी थी. यूपी में साल 2002 के विधानसभा चुनाव में मोहम्मदाबाद सीट से मुख्तार के भाई अफजाल अंसारी को कृष्णानंद राय ने हरा दिया था.

राजनीति में उतरी अलका राय

बता दें कि गाजीपुर की मोहम्मदाबाद विधानसभा, मुख्तार अंसारी और कृष्णानंद राय की बीच दुश्मनी की बड़ी वजह बनी. मोहम्मदाबाद से कृष्णानंद राय पहली बार विधायक चुन कर आए और तभी से मुख्तार और उनके बीच अदावत शुरू हो गई. साल 2005 में कृष्णानंद राय की हत्या हो जाती है और अलका राय चुनावी मैदान में उतर जाती हैं. 2006 में हुए उपचुनाव में अलका राय ने मुख्तार के भाई सिबगातुल्‍ला अंसारी को मात देती हैं. वहीं 2007 के विधानसभा चुनाव में वो सिबगातुल्‍ला अंसारी से हार जाती हैं. 2012 में वह चुनावी मैदान में ना उतरने का फैसला लेती हैं.

वहीं 2017 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की अल्का राय को फिर से चुनावी मैदान में उतारती है. अलका राय इस बार बसपा के सिबगतुल्ला अंसारी को करीब 30 हजार वोटों से हराती हैं. भाजपा को इस सीट पर जहां 122156 वोट मिले थे, वहीं, बसपा को 89429 वोट हासिल हुए थे. वहीं 2022 के चुनाव में सपा के सुहैब उर्फ मन्‍नू अंसारी से अलका राय को हार का सामना करना पड़ता है. मोहम्मदाबाद विधानसभा से लगातार 6 बार अंसारी परिवार से अफजाल अंसारी विधायक रहे हैं. 2002 में कृष्णानंद राय ने अफजाल अंसारी को मात दिया था.

    follow whatsapp
    Main news