जेलर को धमकी देने का मामलाः मुख्तार अंसारी को मिली सजा पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई अंतरिम रोक

यूपी तक

• 08:51 AM • 02 Jan 2023

सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) को दोषी ठहराने और 2003 में एक जेलर को जान से मारने की धमकी…

UPTAK
follow google news

सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) को दोषी ठहराने और 2003 में एक जेलर को जान से मारने की धमकी देने के मामले में हुई सात साल की जेल की सजा वाले इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है. निचली अदालत ने मुख्तार अंसारी को इस मामले मे बरी कर दिया था, लेकिन हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को रद्द कर दिया था.

यह भी पढ़ें...

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस भेजा है. मामले की सुनवाई जस्टिस बीआर गवई और विक्रम नाथ की पीठ में हुई . इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 21 सितंबर को अंसारी को बरी करने के निचली अदालत के आदेश को रद्द कर दिया था.

बता दें कि मामले में साल 2003 में तत्कालीन जेलर एसके अवस्थी ने थाना आलमबाग में मुख्तार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी. जिसके अनुसार, जेल में मुख्तार अंसारी में मुख्तार अंसारी से मिलने आए लोगों की तलाशी लेने का आदेश देने पर उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई थी. साथ ही उनके साथ गाली गलौज करते हुए मुख्तार ने मुख्तार ने उन पर पिस्तौल भी तान दी थी. इस मामले में ट्रायल कोर्ट ने मुख्तार को बरी कर दिया था, जिसके खिलाफ सरकार ने अपील दाखिल की थी.

मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आरोपी अंसारी को आईपीसी की धारा 353 के तहत 2 साल सजा और 10 हजार का जुर्माना, धारा 504 के तहत 2 साल की सजा और 2 हजार का जुर्माना व धारा 506 के तहत सात साल की सजा और 25 हजार के जुर्माना लगाने का फैसला सुनाया था. हालांकि इन सभी सजाओं को एक साथ चलाया जाना था. अंसारी को सभी धाराओं के तहत कुल मिलकार अधिकतम 7 साल की कैद और 37 हजार के जुर्माने की सजा सुनाई गई थी.

मिशन 2024 पर मंथन के लिए आज यूपी BJP की बैठक, हारी हुईं 14 सीटों पर पार्टी करेगी फोकस

    follow whatsapp
    Main news