Saharanpur News: आम तौर पर किसी भी परीक्षा में छात्र 100 में से अधिकतम 100 अंक तक ही उम्मीद करते हैं. मगर सोचिए अगर किसी बच्चे को 100 में से 234 अंक मिल जाएं, तो क्या आप यकीन करेंगे? जी हां, उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले से एक ऐसा ही चौंकाने वाला मामला सामने आया है जिसने पूरे शिक्षा तंत्र पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
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यह मामला सरसावा क्षेत्र के बरथाकायस्थ पठेड़ कलां गांव के प्राथमिक विद्यालय से जुड़ा है, जहां फर्स्ट क्लास की एक छात्रा को 100 में से 234 अंक दे दिए गए. ये गड़बड़ी तब सामने आई जब रिजल्ट 20 दिन की देरी से जारी किया गया. मिली जानकारी के अनुसार, स्कूल का वार्षिक परिणाम 29 मार्च को घोषित किया जाना था, लेकिन दो शिक्षिकाओं के आपसी विवाद के चलते रिजल्ट में देरी होती रही. आखिरकार 17 अप्रैल को हड़बड़ी में परिणाम घोषित किया गया, और तभी यह लापरवाही सामने आई.
234 अंकों का आंकड़ा देख शिक्षक, अभिभावक और अधिकारी सभी हैरान रह गए. शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया और स्कूल की कार्यशैली पर कई सवाल खड़े हो गए हैं. अब यह भी आशंका जताई जा रही है कि अन्य छात्रों के रिजल्ट में भी गड़बड़ियां हो सकती हैं.
सबसे बड़ा सवाल ये है: जब परीक्षा केवल 100 अंकों की थी, तो किसी को 234 अंक कैसे दिए गए? क्या यह टाइपिंग की गलती थी या फिर सिस्टम में ही कोई गंभीर खामी? इस मामले ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि कहीं न कहीं शिक्षा तंत्र में सुधार की जरूरत है और वो भी तुरंत.
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