Azamgarh News: हाल ही में अलीगढ़ में एक सास का अपनी बेटी की शादी से ठीक पहले होने वाले दामाद संग फरार हो जाना पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बना रहा. वहीं अब आजमगढ़ से एक ऐसी खबर आई है जिसने सबका दिल छू लिया है. यहां एक सास ने अपने दामाद की जान बचाने के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी.
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क्या है मामला?
आजमगढ़ जिले के अतरौलिया थाना क्षेत्र के नाऊपुर गांव में शुक्रवार को एक मामूली वाहन टक्कर का विवाद इस कदर बढ़ गया कि गोलियां चल गईं और एक महिला की जान चली गई. मृतका की पहचान 55 वर्षीय रमावती देवी, पत्नी रामबली राजभर के रूप में हुई है. वे अपने दामाद संजीव पांडे को बचाने की कोशिश कर रही थीं जब उन्हें गोली लगी.
मामला तब शुरू हुआ जब संजीव पांडे चारपहिया वाहन से अपनी ससुराल आ रहे थे. रास्ते में गांव के ही विश्वकेतु सिंह जो बाइक पर बच्चों के साथ जा रहे थे, उनकी गाड़ी की हल्की टक्कर संजीव के वाहन से हो गई. इस मामूली विवाद ने तीखा रूप ले लिया और दोनों में कहासुनी होने लगी. कुछ देर बाद विश्वकेतु अपने घर गया और अपने पिता भगवान सिंह को साथ लेकर वापस आया. दोनों ने आरपीएस स्कूल के पास लाठी-डंडों से हमला कर दिया. इसी दौरान विश्वकेतु ने असलहा निकालकर फायर कर दिया.
और इस तरह गई रामवती की जान
गोली दामाद संजीव पांडे को लगने वाली थी, लेकिन रमावती बीच में आ गईं और गोली उनके पेट में जा लगी. गंभीर हालत में उन्हें जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
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भगवान सिंह को पुलिस ने हिरासत में लिया
घटना के बाद गांव में तनाव का माहौल है. पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपी भगवान सिंह को हिरासत में ले लिया है, जबकि विश्वकेतु सिंह अभी फरार है. उसकी गिरफ्तारी के लिए टीम गठित कर दी गई है. पुलिस के अनुसार, भगवान सिंह पर वर्ष 2004 में भी हत्या का मामला दर्ज हुआ था.
दामाद ने क्या बताया?
दामाद संजीव पांडे ने बताया कि विवाद पूरी तरह एकतरफा था और गोली उन्हीं को मारने की नीयत से चलाई गई थी. लेकिन सास रमावती ने जान देकर उन्हें बचा लिया. मृतका की बेटी ने भी कहा, "ठाकुर मेरे जीजा को मारने आए थे, लेकिन मेरी मां बीच में कूद पड़ी और अपनी जान दे दी."
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