आजमगढ़ के कन्हैया रसोइया बनने गए थे रूस, वहां ट्रेनिंग देकर युद्ध में लड़ा दिया और लग गई गोली
आजमगढ़ के रौनापार थाना क्षेत्र के बनकटा (बाजार गोसाई) गांव के निवासी युवक कन्हैया यादव की रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के दौरान गोली लगने से मृत्यु हो गई. उसका शव 23 दिसंबर को उसके गांव लाया गया.
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आजमगढ़ के रौनापार थाना क्षेत्र के बनकटा (बाजार गोसाई) गांव के निवासी युवक कन्हैया यादव की रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के दौरान गोली लगने से मृत्यु हो गई. उसका शव 23 दिसंबर को उसके गांव लाया गया.

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कन्हैया (41) पुत्र फौजदार यादव के परिजनों ने बताया कि कन्हैया एक एजेंट के माध्यम से रसोइये का वीजा हासिल कर 16 जनवरी, 2024 को रूस गए थे.

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वहां उन्हें रसोइये का कुछ दिन प्रशिक्षण दिया गया और बाद में उन्हें सैन्य प्रशिक्षण देकर रूसी सेना के साथ युद्ध के लिए भेज दिया गया.

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उन्होंने बताया कि युद्ध में कन्हैया घायल हो गए और इलाज के दौरान जून में उनकी मृत्यु हो गई. कन्हैया ने 9 मई को युद्ध में घायल होने की सूचना अपने परिजनों को दी थी. वह 25 मई तक परिजनों के संपर्क में थे, लेकिन इसके बाद संपर्क टूट गया.

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वहीं, मास्को में भारतीय दूतावास ने 6 दिसंबर को फोन कर कन्हैया के परिजनों को सूचित किया कि 17 जून को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई और अंततः 23 दिसंबर को उसका शव उसके पैतृक गांव लाया गया.

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कन्हैया के परिवार में पत्नी गीता यादव और दो पुत्र अजय (23) और विजय (19) हैं. अजय यादव का आरोप है कि रूस की सरकार ने 30 लाख रुपये मुआवजा के तौर पर दिया है, लेकिन परिवार को अभी तक यह मुआवजा नहीं मिला है.

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कन्हैया का शव उसके गांव पहुंचने पर गांव और क्षेत्र से बड़ी संख्या में लोग उसके घर पहुंचे और शोक संवेदना व्यक्त की.