उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों के लिए सरकार ने एक बड़ा ऐलान किया है. पेराई सत्र 2025-26 के लिए गन्ना मूल्य में 30 रुपये प्रति क्विंटल की ऐतिहासिक वृद्धि की गई है. यह घोषणा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर गोपाष्टमी पर्व के अवसर पर गन्ना किसानों से संवाद के दौरान की. सीएम ने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य हर हाल में अन्नदाताओं को उनकी उपज का अच्छा दाम देना और उनके चेहरे पर खुशहाली लाना है.
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साढ़े 8 साल में 85 रुपये की बढ़ोतरी: किसानों को बड़ा फायदा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गन्ना मूल्य वृद्धि के निर्णय को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से अन्नदाताओं के हित में किए जा रहे कार्यों की श्रृंखला का हिस्सा बताया. उन्होंने कहा कि अन्नदाता किसानों की उपेक्षा कर कोई भी राज्य या देश समृद्ध नहीं हो सकता. सीएम योगी ने बताया कि राज्य सरकार ने साढ़े 8 वर्षों में गन्ना मूल्य में कुल 85 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई है. इसका सीधा लाभ किसान भाइयों को मिल रहा है.
गन्ना किसानों को रिकॉर्ड भुगतान
मुख्यमंत्री ने बताया कि 2017 से लेकर अबतक 2 लाख 92 हजार करोड़ रुपये से अधिक का गन्ना मूल्य का भुगतान किया गया है. यह भुगतान वर्ष 2007 से 2017 के बीच किए गए 1 लाख 37 हजार करोड़ रुपये के भुगतान की तुलना में दोगुने से भी अधिक है. वर्ष 2017 से पहले गन्ने की खेती घाटे का सौदा थी, लेकिन आज गन्ने का रकबा 20 लाख हेक्टेयर से बढ़कर लगभग 30 लाख हेक्टेयर तक पहुंच चुका है.
टेक्नोलॉजी से खत्म हुई माफियागिरी, चीनी मिलें बनीं 'शुगर कॉम्प्लेक्स'
सीएम ने पूर्ववर्ती सरकारों पर किसानों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि पहले चीनी मिलें बंदी के कगार पर थीं और गन्ना उत्पादन में उत्तर प्रदेश नंबर तीन पर चला गया था. 2017 के बाद सरकार ने संकल्प लिया कि कोई चीनी मिल बंद नहीं होगी, बल्कि उनका आधुनिकीकरण और विस्तारीकरण किया जाएगा. प्रदेश में कोजेन प्लांट, डिस्टलरी और एथेनॉल प्लांट स्थापित हुए हैं. इससे चीनी मिलें अब एक 'शुगर कॉम्प्लेक्स' के रूप में कार्य कर रही हैं. आज प्रदेश में 122 चीनी मिलें संचालित हो रही हैं. इनमें से 105 चीनी मिलें एक सप्ताह के अंदर गन्ना मूल्य का भुगतान कर रही हैं. गन्ना किसानों को ऑनलाइन पर्ची देने की व्यवस्था शुरू की गई है. इससे घटतौली और माफियागिरी पूरी तरह बंद हो गई है.
'डबल इंजन' सरकार के बड़े काम
सीएम योगी ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में किसानों के लिए चलाई जा रही केंद्रीय और राज्य की योजनाओं का भी जिक्र किया:
⦁    प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि: देश के 12 करोड़ से अधिक किसान इस योजना के तहत 6 हजार रुपये वार्षिक धनराशि प्राप्त कर रहे हैं. 
⦁    सिंचाई और बिजली बिल: प्रदेश में 8 वर्षों में 23 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि को सिंचाई की सुविधा दी गई. लंबित पड़ी परियोजनाओं (अर्जुन सहायक, बाणसागर, सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना) को पूरा किया गया और 16 लाख निजी नलकूपों के बिजली बिल माफ किए गए. 
⦁    कर्जमाफी: वर्ष 2017 में 86 लाख लघु एवं सीमांत किसानों के 1 लाख रुपये तक के कर्जमाफी कार्यक्रम को सफलतापूर्वक लागू किया गया था.
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि उन अन्नदाताओं के सम्मान का कार्यक्रम प्रदेश भर में किया जाना चाहिए जिन्होंने उत्तर प्रदेश को पुनः खाद्यान्न, एथेनॉल, चीनी और गन्ना उत्पादन में नंबर एक पर पहुंचाया है. इस संवाद कार्यक्रम में गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी और उत्तर प्रदेश किसान मोर्चा के अध्यक्ष कामेश्वर सिंह सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे. मुख्यमंत्री ने प्रगतिशील किसानों से अनुरोध किया कि वे बेहतर क्वालिटी के बीज और तकनीक का उपयोग कर उत्पादन लागत को कम करते हुए मुनाफा बढ़ाएं.
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