UP News: प्रयागराज महाकुंभ में मची भगदड़ में कितने लोगों की मौत हुई और कितने लोग भगदड़ के बाद से लापता हैं? इसको लेकर विपक्ष लगातार योगी सरकार पर हमलावर है. समाजवादी पार्टी चीफ अखिलेश यादव भी लगातार महाकुंभ में मची भगदड़ को लेकर सवाल उठा रहे हैं और मृतकों और लापता लोगों की सूची जारी करने की भी सरकार से मांग कर रहे हैं.
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इसी बीच अब इस मामले को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है. इसमें मांग की गई है कि भगदड़ में लापता हुए लोगों का विवरण एकत्र करने के लिए न्यायिक निगरानी समिति (जेएमसी) का गठन किया जाए.
प्रयागराज के सुरेश पांडेय ने की याचिका दायर
बता दें कि प्रयागराज जिले के रहने वाले सुरेश चंद्र पांडेय ने हाईकोर्ट में महाकुंभ में मची भगदड़ मामले को लेकर याचिका दायर की है. माना जा रहा है कि हाई कोर्ट जल्द इस याचिका पर सुनवाई कर सकता है.
इस जनहित याचिका में क्या है?
बता दें कि जनहित याचिका में याचिका कर्ता ने उन खबरों का संदर्भ दिया है जिसमें कहा गया था कि भगदड़ में मारे गए लोगों के शव दयनीय स्थिति में रखे गए हैं. साथ ही, शवों को कथित तौर पर जमीन पर बोरी में लपेटकर रखा गया है और रेफ्रिजरेशन की व्यवस्था नहीं होने से शव सड़ गल रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट कर चुका है याचिका पर सुनवाई से इनकार
दरअसल 3 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में भी इस मामले को लेकर यूपी सरकार के अधिकारियों के खिलाफ जनहित याचिका दायर की गई थी. मगर सुप्रीम कोर्ट ने इसपर सुनवाई से इनकार कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि याचिकाकर्ता को इलाहाबाद हाई कोर्ट जाना चाहिए.
योगी सरकार ने भगदड़ की जांच के लिए उठाए ये कदम
बीते 29 जनवरी को महाकुंभ में भगदड़ मची थी. रात करीब 2 बजे मची इस भगदड़ में 30 लोग मारे गए थे, ये दावा मेला प्रशासन ने किया था. सरकार ने माना कि महाकुंभ में सिर्फ 1 ही जगह भगदड़ मची थी. मगर महाकुंभ में उस रात कुछ और भी जगह पर भगदड़ की खबरें सामने आई थी.
यूपी सरकार ने संगम नोज पर मची भगदड़ की जांच के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज हर्ष कुमार की अध्यक्षता में 3 सदस्यीय न्यायिक आयोग गठित किया है, जो इस मामले की जांच कर रहा है. बता दें कि आयोग को 1 महीने के अंदर रिपोर्ट देनी है.
(भाषा के इनपुट के साथ)
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