गाजियाबाद: वैशाली मेट्रो स्टेशन से मोहन नगर तक रोप-वे, जानें पूरा प्रोजेक्ट, कब होगा शुरू?

यूपी तक

• 03:36 AM • 25 Sep 2021

गाजियाबाद उत्तर प्रदेश के व्यस्त शहरों में से एक है. यहां अक्सर लोगों को एक जगह से दूसरी जगह जाने में कई घंटों के जाम…

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गाजियाबाद उत्तर प्रदेश के व्यस्त शहरों में से एक है. यहां अक्सर लोगों को एक जगह से दूसरी जगह जाने में कई घंटों के जाम का सामना करना पड़ जाता है. जमीन पर इतना ट्रैफिक है कि हर किसी को एक्स्ट्रा टाइम लेकर ही घर से निकालना पड़ता है. सोचिए अगर जमीन पर ट्रैफिक हो और आपको आसमान से अपने गंतव्य तक जाने का मौका मिले तो कैसे रहेगा? ये बहुत हद तक अब मुमकिन होने वाला है. दरअसल, अब वैशाली मेट्रो स्टेशन से मोहन नगर तक रोप-वे चलेगा, जिसके बाद 40 मिनट का समय 8 से 12 तक मिनट तक सीमित रह जाएगा.

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वो कहते हैं न कि जमीन पर भले ही किसी दिन जगह हो न हो पर आसमान तो खाली रहेगा ही. वैशाली से मोहन नगर तक इस प्रोजेक्ट पर फिलहाल काम जारी है, इसमें अभी समय भी लगेगा.

ये बहुत ही नई सोच है. लोगों को जाम का सामना करना पड़ता है. लोग अपने सफर को कम समय में तय कर पाएं, ये ही हमारी कोशिश है और रोप-वे से ऐसा ही होगा.

कृष्णा करुनेश, गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष

  • रोप-वे की लंबाई 5.17 किलोमीटर की होगी.

  • इस प्रोजेक्ट में कुल 487 करोड़ रुपए की लागत आएगी.

  • शुरुआत में 4 स्टेशन होंगे, जिसे बाद में बढ़ा कर 6 कर दिया जाएगा.

रोप-वे प्रोजेक्‍ट की साल 2024 के मध्य तक पूरा होने की संभावना है. प्रोजेक्ट पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल पर है, जिसके लिए निवेशक की तलाश की जाएगी. इसके अलावा बची राशि केंद्र सरकार, राज्य सरकार या फिर गाजियाबाद विकास प्राधिकरण की ओर से दी जाएगी.

इसके परिचालन में 249 सवारी डिब्बे शामिल किए जाएंगे, जिनमें से प्रत्येक में 10 पैसेंजर सवार हो सकेंगे. इसकी फ्रीक्वेंसी एक मिनट की होगी और दोनों मेट्रो स्टेशनों के बीच की दूरी 8-12 मिनिट में पूरी होगी. असल मे इस परियोजना से न केवल इन इलाकों में यातायात के दबाव में कमी आएगी बल्कि मेट्रो की रेड और ब्लू लाइनों के बीच बेहतर कनेक्टिविटी भी होगी.

रोड एंड ट्रैफिक एक्सपर्ट विक्रम सिंघल ने कहा है, “ये अच्छी पहल है और ये एक उदाहरण बनने वाला है. मेट्रो शहरों में ट्रैफिक समस्या से निकलने के रास्ता आपको तलाशने होंगे. लोगों को परिवहन के नए विकल्प देने होंगे. इसे उसी की एक रणनीति का हिस्सा मान सकते हैं.”

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