UP News: मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण यानी एसआईआर अभियान लगातार चर्चाओं में बना हुआ है. इसी बीच उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से बड़ी खबर सामने आ रही है. बता दें कि यहां 21 बीएलओ के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. ये केस साहिबाबाद विधानसभा क्षेत्र में दर्ज किया गया है. यहां निर्वाचन प्रभारी आलोक कुमार यादव की तहरीर पर पुलिस ने ये केस दर्ज किया है.
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क्यों किया गया है केस दर्ज?
जिन बीएलओ के खिलाफ केस दर्ज किया गया है, उनपर आरोप है कि उन्होंने इस अभियान में लापरवाही बरती है. आरोप है कि बीएलओ ने अधिकारियों के निर्देशों का पालन नहीं किया है और वह ना फोन उठा रहे हैं और ना ही मैसेज का जवाब दे रहे हैं. बता दें कि प्रशासन की तरफ से इस मामले को गंभीरता के साथ लिया गया है और अब इस मामले में 21 बीएलओ अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई है.
आरोप है कि ये बीएलओ हस्ताक्षर संग्रह, डिजिटाइजेशन और मतदाता प्रपत्र वितरण जैसे कामों में भी घोर लापरवाही बरत रहे हैं. बता दें कि इस मामले में निर्वाचन प्रभारी आलोक कुमार यादव ने तहरीर दी और इसे लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा-32 का उल्लंघन बताया. इसके बाद पुलिस ने केस दर्ज किया. आपको ये भी बता दें कि इस धारा के तहत दोषी पाए जाने पर 3 महीने से लेकर 2 साल तक की सजा हो सकती है.
किन-किन के खिलाफ किया गया केस दर्ज?
बता दें कि जिन बीएलओ के खिलाफ केस दर्ज किया गया है, उनमें मिलिंद कुमार, मनीष सिसोदिया, दिग्विजय सिंह, सुनीता शुक्ला, रेनु कुमारी, अनुराधा, अर्चना रानी, रीना शर्मा, चंद्रपाल सिंह का नाम शामिल है. इसी के साथ बीएलओ विनीता, मुकेश कुमार, अंकित नागर, राकेश कुमार, सुशील कुमार, पीयूष शर्मा, अरुण कुमार, अनिल कुमार, शशि प्रभा, शिरीन फातिमा और सुनीता पाल के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है. फिलहाल गाजियाबाद की सिहानीगेट थाने की पुलिस मामले की जांच कर रही है. उप निरीक्षक अमन कुमार इस केस की जांच कर रहे हैं.
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