4 जिलों के DM को डिटेंशन सेंटर बनाने का निर्देश! पश्चिमी यूपी में अब शुरू होगा ये एक्शन

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बरेली संभाग के अधिकारी अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों की पहचान के लिए एक बड़ा अभियान शुरू करने वाले हैं.  इस संभाग में बरेली, बदायूं, पीलीभीत और शाहजहांपुर शामिल है. संभागीय आयुक्त भूपेंद्र एस. चौधरी ने बरेली संभाग के जिलाधिकारियों को अस्थायी डिटेंशन सेंटर यानी हिरासत केंद्र स्थापित करने का निर्देश दिया है.

Detention center: सांकेतिक तस्वीर

यूपी तक

27 Nov 2025 (अपडेटेड: 27 Nov 2025, 05:03 PM)

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पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बरेली संभाग के अधिकारी अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों की पहचान के लिए एक बड़ा अभियान शुरू करने वाले हैं.  इस संभाग में बरेली, बदायूं, पीलीभीत और शाहजहांपुर शामिल है. संभागीय आयुक्त भूपेंद्र एस. चौधरी ने बरेली संभाग के जिलाधिकारियों को अस्थायी डिटेंशन सेंटर यानी हिरासत केंद्र स्थापित करने का निर्देश दिया है. यहां पहचाने गए अवैध प्रवासियों को सत्यापन पूरा होने तक रखा जाएगा और प्रक्रिया के अनुसार उन्हें उनके मूल देशों में निर्वासित किया जाएगा. यह कदम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा हाल ही में जिला प्रशासनों को उत्तर प्रदेश में रह रहे अवैध प्रवासियों की पहचान करने, उन्हें हिरासत में लेने और निर्वासित करने के निर्देश के बाद उठाया गया है.

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पीटीआई की रिपोर्ट के मुतााबिक, संभागीय आयुक्त भूपेंद्र एस. चौधरी ने कहा कि 'कई बांग्लादेशी नागरिकों के असम या पश्चिम बंगाल के निवासी होने का दिखावा करके और यहां तक कि भारतीय दस्तावेजों के साथ क्षेत्र के ईंट भट्टों, कारखानों और अन्य प्रतिष्ठानों में काम करने का संदेह है. उन्होंने कहा कि उनकी भाषा और व्यवहार ने संदेह पैदा किया है. चौधरी ने कहा कि ऐसे लोगों की पहचान में मदद के लिए जरूरत पड़ने पर त्रिपुरा से भाषा विशेषज्ञों को बुलाया जाएगा. स्थानीय बंगाली भाषी निवासी भी सत्यापन प्रक्रिया में मदद करेंगे.'

बरेली जिले के अधिकारियों और पुलिस ने अवैध प्रवासियों की पहचान के लिए जमीनी स्तर पर जांच शुरू कर दी है. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने कहा कि फर्जी आधार, मतदाता पहचान पत्र या अन्य जाली दस्तावेजों के साथ पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति पर आपराधिक कार्रवाई की जाएगी. इस साल की शुरुआत में एक विशेष सत्यापन अभियान के दौरान पहचाने गए संदिग्ध व्यक्तियों की क्रॉस-चेकिंग भी की जाएगी. 

बरेली पुलिस ने जून में दो महीने लंबे अभियान के दौरान झुग्गी-झोपड़ियों और खानाबदोश बस्तियों में रहने वाले कई संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान की थी. दस से ज्यादा बांग्लादेशी नागरिकों के जिले में अवैध रूप से रहने की पुष्टि हुई थी. अगस्त में प्रेमनगर इलाके से तीन बांग्लादेशी मूल की बहनों को कथित तौर पर जाली दस्तावेजों के साथ रहने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. एक अन्य मामले में फर्जी पहचान के साथ रह रहे एक बांग्लादेशी नागरिक को गिरफ्तार किया गया था.

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