अल्पसंख्यक युवाओं के लिए यूपी में लगेंगे रोजगार मेले, जानें योगी सरकार की क्या है तैयारी

शिल्पी सेन

• 04:29 PM • 06 Sep 2022

यूपी सरकार के मदरसों पर सर्वे कराने के फैसले के विरोध के बीच अब सरकार अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में अल्पसंख्यक युवाओं के लिए विशेष रोजगार…

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यूपी सरकार के मदरसों पर सर्वे कराने के फैसले के विरोध के बीच अब सरकार अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में अल्पसंख्यक युवाओं के लिए विशेष रोजगार मेलों का आयोजन करेगी. अल्पसंख्यक कल्याण विभाग सेवायोजन और अन्य विभागों के साथ मिल कर इसकी रूपरेखा तैयार करने में जुट गया है. इन रोज़गार मेलों से अल्पसंख्यक युवाओं को उनके रुचि के क्षेत्र में ही रोजगार के अवसर मिलेंगे. साथ ही सीधे नियोक्ता उनके पास पहुंचेंगे. कम्पनियों को इसके लिए आमंत्रित किया जाएगा.

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यूपी सरकार के गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के सर्वे के फैसले से उठे विरोध के बीच सरकार ने नया फैसला किया है. योगी सरकार अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में युवाओं के लिए विशेष रोजगार मेले कर आयोजन करेगी.अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ने इसको लेकर सेवायोजन विभाग के अधिकारियों के साथ चर्चा की है.

इसके बाद इसके लिए प्रस्ताव तैयार करने का काम शुरू हो गया है. ये रोजगार मेले उन क्षेत्रों में खास तौर कर होंगे जिनमें मुस्लिम आबादी ज्यादा है. सभी 18 मंडलों के अल्पसंख्यक आबादी वाले क्षेत्रों में ये विशेष रोजगार मेले आयोजित किए जाएंगे. अल्पसंख्यक विभाग और सेवायोजन विभाग इस पर भी मंथन कर रहा है कि वो क्षेत्र कौन से होंगे. साथ ही किस तरह के रोजगार या जॉब्स के लिए वहां पर ज्यादा कम्पनियां आ सकती हैं.

इनको मिलेगा रोजगार का लाभ

दरअसल अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने सेवायोजन विभाग और श्रम विभाग को चिट्ठी लिख कर मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में अलग से रोजगार मेले के आयोजन के लिए लिखा था. इसके बाद इसपर आगे की चर्चा के लिए बैठक हुई. सेवायोजन विभाग के निदेशक हरिकेश चौरसिया और संयुक्त निदेशक पीके पुंडीर के साथ इस ओर विस्तृत चर्चा कर इसका खाका तैयार किया. इसके तहत इसमें दो कैटेगरी होगी. पहली कैटेगरी ग्रैजुएट और डिप्लोमा किए हुए युवाओं के लिए होगी. उसमें उन अल्पसंख्यक बहुल इलाकों के युवाओं को मौका मिलेगा जिन्होंने किसी विषय में डिप्लोमा किया है. ग्रेजुएट युवाओं को रीटेल आईटी समेत कई क्षेत्रों में ऑफिस जॉब के लिए रोजगार दिया जाएगा. इस प्रस्ताव के अनुसार कम्पनियां युवाओं को सीधे हायर करेंगी.

वहीं दूसरी कटेगरी उन युवाओं के लिए है जिनको कोई हुनर या काम आता है, लेकिन उनके पास सीधे कोई नियोक्ता नहीं पहुंचता तो वो कोई छोटा काम करते हैं. कई बार उनको रोजगार की समस्या होती है.अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में अलग से रोजगार मेले के लिए राज्य और केंद्र सरकार दोनों के अल्पसंख्यक मंत्रालयों से बजट की व्यवस्था है.अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने बताया कि ‘टेलरिंग, ऑटो मेकैनिक जैसे काम मुस्लिम युवक बड़ी संख्या में करते हैं.

ऐसे में उन क्षेत्रों में ऑटोमोबाइल या गारमेंट इंडस्ट्री की कम्पनियों को आमंत्रित किया जाएगा जिससे इसका ज्यादा लाभ मिल सके.’ विभाग में ये योजना तैयार की है कि मऊ जैसे क्षेत्र में युवा बुनकर बड़ी संख्या में हैं. वहां फैशन इंडस्ट्री या गारमेंट इंडस्ट्री की कम्पनियों को आमंत्रित किया जाएगा. उसी तरह भदोही में भी कालीन बनाने में बड़ी संख्या में मुस्लिम युवा हैं, वहां भी कम्पनियों को आमंत्रित किया जाएगा.

प्रदेश सरकार इस बात को लेकर भी तैयारी कर रही है कि इन युवाओं को मौके पर ही टेस्ट, वेरिफिकेशन करके अप्वाइंटमेंट लेटर दिया जाए. साथ ही आगे के लिए प्राइवेट कम्पनियों से भी इनका सीधा सम्पर्क हो.यूपी सरकार ने बड़े पैमाने पर हाल ही में प्रदेश भर में सभी युवाओं के लिए रोजगार मेले का आयोजन किया था, लेकिन ये रोजगार मेले खास तौर पर अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्रों को चिह्नित करके वहां कराए जाएंगे, जहां प्राइवेट कम्पनियों को भी आमंत्रित किया जाएगा.ऑटोमोबाइल क्षेत्र की मारुति जैसी बड़ी प्राइवेट कम्पनियों को भी इसके लिए आमंत्रित किया जाएगा.

योगी सरकार के गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के सर्वे के फैसले पर जहां विपक्षी दल की आलोचना कर रहे हैं वहीं जमीयत उलेमा-ए -हिंद ने भी इसका विरोध किया है.अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री दानिश आजाद अंसारी का कहना है कि अब सरकार सबकी सरकार है इसलिए अल्पसंख्यकों के भविष्य के लिए भी सरकार गम्भीर है. उसको शिक्षित करना, रोजगार देना सरकार का लक्ष्य है.’

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