Vijayadashmi 2024: आज यानी 12 अक्टूबर 2024 को देशभर में हर्षोल्लास से दशहरा का पर्व मनाया जा रहा है. दशहरा या विजयादशमी का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है. धार्मिक मान्यता है कि इसी दिन भगवान राम ने लंकापति रावण को मारकर कर अधर्म पर धर्म की विजय स्थापित की थी. इसके बाद से ही हर साल इस दिन सांकेतिक रूप से रावण दहन किया जाता है. यह संदेश देने की कोशिश की जाती है कि बुराई को एक दिन अच्छाई के हाथों हारना ही होता है और वो दिन विजयादशमी का दिन होता है. दशहरे पर के दिन की गई पूजा विशेष फलदायी होती है. सही विधि से दशहरे पर पूजा करने से जीवन में आ रही सभी बाधाओं का नाश होता है. यह पूजा आपके जीवन में सुख-समृद्धि लाती है. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन मां दुर्गा, भगवान राम और मां लक्ष्मी की पूजा करने से विशेष कृपा मिलती है.आइए आपको दशहरे की पूजा विधि और जीवन में सुख-समृद्धि लाने के उपायों के बारे में बताते हैं.
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हमारे सहयोगी चैनल एस्ट्रो Tak पर ज्योतिषी पंडित शैलेंद्र पांडेय ने इस बारे में विस्तार से बताया है. दशहरा हिंदू परंपरा में अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है. इसे भगवान राम की रावण पर विजय और मां दुर्गा द्वारा महिषासुर के वध के उपलक्ष्य में भी मनाया जाता है. दशहरे के दिन ही नौ दिन तक चलने वाला नवरात्रि पर्व समाप्त होता है. इसी दिन मां दुर्गा की प्रतिमा का विधिवत विसर्जन किया जाता है.
दशहरे की पूजा विधि
पंडित शैलेंद्र पांडेय के मुताबिक इस दिन अस्त्र-शस्त्रों की विशेष पूजा की जाती है. नया काम शुरू करने के लिए ये दिन विशेष रूप से शुभ माना जाता है. इस दिन की पूजा नवग्रहों को नियंत्रित करने में भी सहायक मानी जाती है. अगर आप दशहरे पर कुछ विशेष प्रयोग करें, तो आपको अपार धन की प्राप्ति हो सकती है. दशहरे पर मां दुर्गा की पूजा करनी चाहिए. जिस स्वरूप में वो महिषासुर का वध कर रही हैं उस स्वरूप की पूजा करनी चाहिए. इसके अलावा हमें भगवान राम की पूजा करनी चाहिए. अगर आप ऐसा करते हैं, तो जीवन में आने वाली संपूर्ण बाधाओं का नाश होगा और जीवन में विजय की प्राप्ति होगी.
इन मंत्रों का जाप करें
वैसे तो अभी चातुर्मास चल रहा है. चातुर्मास में नए कार्य की शुरुवात नहीं होती है, लेकिन ऐसी मान्यता है कि दशहरे के दिन देवी का पूजन करने के बाद आप नए काम की शुरुआत कर सकते हैं. दोपहर के बाद दशहरे वाले दिन पहले मां दुर्गा की पूजा करें. पूजा के साथ ही उनके मंत्रों का जाप किया जाता है, जैसे "ॐ दुर्गाय नमः" और "ॐ राम रामाय नमः". इस दिन कलश का जल पूरे घर में छिड़कने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और शुभता का संचरण होता है. अगर आपने कलश की स्थापना की है, तो नारियल कलश के मुख पर से हटा लें. उसे देवी के सामने प्रसाद के रूप में ग्रहण करें.
दशहरे पर किए गए ये उपाय हैं शुभ
जिस स्थान पर आपने देवी की पूजा की थी उसी स्थान पर एक घी का दीपक रात भर आपको जलाते रहना चाहिए. दशहरे पर आप छोटे छोटे सारे उपाय कर सकते हैं. इनसे आपको लाभ हो सकता है. देवी को जो नारियल अर्पित किया था उसके पानी, गिरी को प्रसाद के रूप में ग्रहण करिए. देवी को जो आपने चुनरी अर्पित की थी उसमें दो चार सिक्के रख कर के उस चुनरी को बांध कर पूजा स्थान पर अगली नवरात्रि तक रखिए. घर के मुख्य द्वार पर एक शमी का पौधा लगाइए. घर के मुख्य द्वार पर बाईं ओर एक शमी का पौधा लगाना शुभ होगा. अगर पौधा पहले से है तो दशहरे पर उस पौधे की पूजा करिए और पौधे के नीचे दीपक जलाइएगा.
इमली की छोटी सी डाली, टहनी ले आइए. उसको धोकर उसकी पूजा करिए. इसे घर में रखिए, संपन्नता बनी रहेगी. जो सुहागन स्त्रियां है उनको शृंगार की सामग्री भेंट करना भी बहुत अच्छा होगा. रोज शाम को एक बार राम रक्षा स्तोत्र का पाठ, तो आप करते ही होंगे लेकिन दशहरे के दिन करना बहुत जरूरी है. आप रोज नहीं भी करते हो तो दशहरे पर एक बार दो बार, तीन बार राम रक्षा स्तोत्र का पाठ करने से आपका स्वास्थ्य बेहतर होगा.
अगर आप रावण का दहन देखने गए हैं तो घर पर आकर के स्नान जरूर करिएगा. दशहरे के दिन किसी निर्धन व्यक्ति को मिठाई दीजिए.
मान्यता के अनुसार, दशहरे पर किए गए कुछ विशेष उपाय अपार धन और सफलता की प्राप्ति करवा सकते हैं. जैसे यदि आप शस्त्र पूजा करते हैं, तो उन पर तिलक लगाकर रक्षा सूत्र बांधने की परंपरा है. शमी के पौधे की पूजा करके और इमली की टहनी को घर में रखने से समृद्धि बनी रहती है. इस प्रकार, दशहरा न केवल धार्मिक अनुष्ठानों का पर्व है, बल्कि जीवन में विजय और समृद्धि का संदेश भी देता है.
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