एक श्मशान-एक मंदिर-एक जल स्रोत के बाद RSS का गांवों पर फोकस, 2024 को लेकर ये है प्लान

कुमार अभिषेक

11 Jan 2023 (अपडेटेड: 14 Feb 2023, 08:57 AM)

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh) अब एक नई दृष्टि के साथ गांव की तरफ रुख कर रहा है. राजनीति और देश में सत्ता से…

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh) अब एक नई दृष्टि के साथ गांव की तरफ रुख कर रहा है. राजनीति और देश में सत्ता से इतर आरएसएस (RSS) अपने प्रसार को लेकर गांव-गांव में अपनी शाखाएं चाहता है. बता दें कि 2025 में संघ अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरे कर लेगा. संघ का लक्ष्य है कि तब तक वह शहरों और कस्बों से निकल कर गांवों तक में अच्छे से छा जाए.  संघ अपनी शाखाएं पंचायत स्तर तक ले जाने की तैयारी में जुटा है. ग्राम पंचायत में शाखाओं का विस्तार आरएसएस की प्राथमिकताओं में से एक है.

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आपको बता दें कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नंबर दो दत्तात्रेय होसबले (Dattatreya Hosabale) इन दोनों उत्तर प्रदेश के 7 दिनों के प्रवास पर हैं. मिली जानकारी के मुताबिक, यहां उनके अलग-अलग क्षेत्र के संघ कार्यकर्ताओं-पदाधिकारियों और प्रबुद्ध जनों से मुलाकात के कार्यक्रम हैं. माना जा रहा है कि संघ की दृष्टि से उनके एजेंडे में सबसे ऊपर यही है कि कैसे गांव-गांव तक संघ की शाखाएं पहुंचाई जाएं.

एक श्मशान एक मंदिर एक जल स्रोत पर काम कर रहा है संघ

आपको बता दें कि आरएसएस पिछले कई सालों से गांवों में एक श्मशान-एक मंदिर-एक जल स्रोत के विचार के साथ काम कर रहा है. इस अभियान या कहें विचार के तीन लक्ष्य है. पहला मकसद है कि गांव में मंदिर को लेकर कोई भेदभाव ना हो. दूसरा लक्ष्य है कि जल स्रोत में कोई छुआछूत ना हो औऱ तीसरा मकसद है कि जातियों के अलग-अलग श्मशान ना हो. संघ का विचार है कि जातियों के भीतर श्रेष्ठता का भाव इन तीनों स्थानों पर कहीं न दिखाई दे.

इसे लेकर संघ पिछले कई सालों के कार्य कर रहा है और इसका असर भी दिखाई देने लगा है. मगर अब आरएसएस अपने 100 साल पूरे कर रहा है. ऐसे में आरएसएस की कोशिश है कि हर ग्राम पंचायत में उसकी एक शाखा जरूर हो, जिसे लेकर आरएसएस अब एक्टिव हो गया है.

संघ में नंबर दो दत्तात्रेय होसबले बीते मंगलवार को लखनऊ में थे. मिली जानकारी के मुताबिक, इस दौरान उन्होंने संघ के पूर्वी क्षेत्र के कार्यकारिणी की बैठक की और उनकी बैठक का पूरा लक्ष्य गांव में संघ की शाखाओं को बढ़ाने पर था.

मिली जानकारी के मुताबिक, दत्तात्रेय होसबले ने क्षेत्रीय पदाधिकारियों को लगातार गांव में प्रवास करने स्वयंसेवकों के साथ लगातार संपर्क साधने और संवाद करने पर जोर दिया है. इस दौरान गांव में अगर सीधे शाखाएं नहीं खुल रही तो उन्हें सामाजिक कार्यक्रमों के जरिए गांव तक पहुंचने के गुण बताए.

आपको बता दें कि दत्तात्रेय होसबले गांव में संघ को विस्तार देने और आरएसएस के सर्व समावेशी अभियानों के लिए काशी, गोरखपुर, सुल्तानपुर और आजमगढ़ के दौरे पर रहेंगे. देखना यह होगा संघ को अपनी इस योजना में कितनी सफलता मिल पाती है.

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