गाजियाबाद में कांस्टेबल सौरभ कुमार की हत्या के दो मुख्य आरोपियों नन्हू और अब्दुल सलाम का सोमवार को पुलिस से आमना-सामना हो गया. मसूरी थाना क्षेत्र में जंगल के पास हुई इस मुठभेड़ में दोनों बदमाशों को पैर में गोली लगने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया. एनकाउंटर के बाद पुलिस ने आरोपियों के पास से दो देसी तमंचे, दो जिंदा कारतूस, दो खाली खोखा कारतूस और एक बाइक बरामद की है.
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इन दोनों पर आरोप हैं कि ये उन आरोपियों में शामिल हैं जिन्होंने रविवार रात नोएडा पुलिस टीम पर हमला कर कांस्टेबल सौरभ कुमार की जान ले ली थी. हमले में चार और पुलिसकर्मी घायल हुए थे. ये हमला तब हुआ जब पुलिस टीम मसूरी के नाहल गांव में लूट के एक मामले में वांछित कादिर को पकड़ने पहुंची थी.
कैसे हुआ एनकाउंटर?
पुलिस के मुताबिक, 26 मई की सुबह मसूरी पुलिस और स्वाट टीम देहात की संयुक्त टीम ने नाहल गांव के पास डीएमई अंडरपास के पास जांच अभियान चलाया. तभी दूर से आती एक बाइक को रोकने का प्रयास किया गया, लेकिन सवारों ने रुकने के बजाय पुलिस पर फायरिंग कर दी और भागने लगे. पीछा करने पर बाइक फिसल गई, और जवाबी कार्रवाई में दोनों बदमाशों के पैरों में गोली लगी. घायल अवस्था में उन्हें गिरफ्तार कर इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया.
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान नन्हू पुत्र इलियास और अब्दुल सलाम पुत्र अबरार के रूप में हुई है. दोनों नाहल गांव के रहने वाले हैं और हत्या के मामले में वांछित चल रहे थे.
कैसे मारी गई थी नोएडा पुलिस के कॉन्स्टेबल सौरभ को गोली?
25 मई की रात नोएडा फेज-3 थाने की पुलिस टीम मसूरी थाना क्षेत्र में लूट के आरोपी कादिर को गिरफ्तार करने पहुंची थी. गिरफ्तारी के बाद जब टीम वापस लौट रही थी, तभी कादिर के साथियों ने पुलिस टीम पर अचानक हमला कर दिया. उन्होंने गोलियां चलाईं, पत्थर फेंके और धारदार हथियारों से हमला किया. हमले में 2016 बैच के कॉन्स्टेबल सौरभ कुमार को सिर में गोली लगी, जिन्हें यशोदा अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. वह उत्तर प्रदेश के शामली जिले के रहने वाले थे और नोएडा के फेज-3 थाने में तैनात थे.
पुलिस विभाग में शोक की लहर
गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने कांस्टेबल सौरभ की शहादत पर गहरा दुख जताते हुए उनके परिवार को 1 लाख रुपये की सहायता अपनी सैलरी से देने की घोषणा की है. इसके अलावा, पूरे जिले के पुलिसकर्मी एक दिन की सैलरी उनके परिवार की मदद के लिए देंगे. डीसीपी (ग्रामीण) सुरेंद्रनाथ तिवारी ने बताया कि हमले में कादिर फरार हो गया था, जिसे बाद में गिरफ्तार कर लिया गया. उसके खिलाफ 16 आपराधिक मामले दर्ज हैं और वह मसूरी थाने का हिस्ट्रीशीटर है.
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