UP की सड़कों का रिएलिटी चेक: बांदा, यहां गड्ढों में सड़क! अफसर बोले- 15 नवंबर तक भर देंगे

उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने 15 नवंबर तक प्रदेश की सड़कों को गड्ढा…

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उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने 15 नवंबर तक प्रदेश की सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का आदेश दिया है. इससे पहले भी कई बार योगी सरकार ने प्रदेश की सड़कों को गड्ढा मुक्त करने की बातें कही हैं.

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इस बीच, यूपी तक मौजूदा समय में प्रदेश की सड़कों का असल हाल जानने के लिए सड़कों का रिएलिटी चेक कर रहा है. इसी कड़ी में आज हम आपको बांदा की सड़कों का हाल बता रहे हैं. पढ़िए बांदा से सिद्धार्थ गुप्ता की यह खास ग्राउंड रिपोर्ट.

बांदा में सड़कों का हाल ऐसा है कि अगर आप सुरक्षित निकलना चाहते हैं तो गाड़ियों के बजाय पैदल ही ज्यादा बेहतर है. यहां एक-एक फीट के बड़े-बड़े गढ्ढे हैं, जो लोगों के लिए काल बन गए हैं. सड़कों के इस स्थिति से कई लोगों की दुर्घटना में मौतें भी हो चुकी हैं.

हालांकि, यूपी की योगी सरकार के निर्देश पर जिलाधिकारी अनुराग पटेल ने दावा किया है कि जिले की सभी सड़कें 15 नवंबर तक गड्ढा मुक्त हो जाएंगी.

जब हम बांदा में मवई बाईपास रोड पर पहुंचे तो देखा कि सड़क की हालत खस्ताहाल है. यह जिले की मुख्य सड़क है. यहां से लोग कानपुर के रास्ते लखनऊ, फतेहपुर का रास्ता तय करते हैं, लेकिन यह रोड बांदा से चिल्ला तक इतनी खराब है कि आप गाड़ियों के गियर नहीं बदल पाएंगे.

यहां के स्थानीय लोगों से बातचीत करने पर पता चला कि इस सड़क से हर दिन बड़े-बड़े वीआईपी निकलते हैं, इसके बावजूद भी कोई सड़क की सुध नहीं लेता है. खस्ताहाल सड़क होने के कारण लोगों को सफर में दोगुना समय लग जाता है.

जब हमने ट्रक ड्राइवरों से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि समान लेकर जहां पहुंचना है वहां पता नहीं कब पहुंचेंगे. सड़क इतनी खराब है कि गाड़ी को बहुत नुकसान हो जाता है. देर रात अगर गाड़ी खराब हो जाए तो इन जगलों में कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है.

यहां के स्थानीय निवासी धीरेंद्र ने बताया, “बांदा-कानपुर रोड का कोई ध्यान नहीं देता है. यहां पर एक्सीडेंट से कई लोग मरते-मरते बचे हैं. ज्यादा गड्ढे होने पर हम लोग अपने पैसों से मिट्टी आदि डालकर सड़क की मरम्मत करवा लेते हैं, क्योंकि जब कोई सुनता ही नहीं तो क्या करें.”

इसके बाद हम बांदा को महोबा, झांसी, चित्रकूट और प्रयागराज से जोड़ने वाली कनवारा बाईपास सड़क पर पहुंचे देखा कि सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे हैं. ये गड्ढे इतने बड़े हैं कि लोग गाड़ियों से गिरकर घायल तक हो जाते हैं. यहां के स्थानीय लोगों के अनुसार सड़क की जर्जर स्थिति होने के कारण उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

जब हम बांदा के कनवारा गांव में पहुंचे तो देखा कि एक एम्बुलेंस ड्राइवर को मरीज को ले जाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. उस एम्बुलेंस ड्राइवर ने बताया कि कई बार क्रिटिकल केस में इलाज के अभाव में एम्बुलेंस में ही मरीज की मौत हो जाती है. वहीं, यहां के लोगों का कहना है कि इस सड़क से तमाम विधायक, सांसद और मंत्री भी निकलते हैं, लेकिन उन्हें इस सड़क से कोई मतलब नहीं हैं.

इस सड़क पर आए दिन बड़ी दुर्घटनाएं होती हैं. लोग गाड़ियों से गिरकर घायल हो जाते हैं, लेकिन सरकार का रोड की तरफ कोई ध्यान नहीं है. रोड खराब होने के कारण शाम को ट्रकों की लंबी लाइन लग जाती है, जिससे निकलना और दूभर हो जाता है. वहीं, बारिश के कारण सड़क पर और बड़े- बड़े गड्ढे हो गए हैं.

इसके बाद जब हम मध्यप्रदेश के सतना से जोड़ने वाली सड़क पर पहुंचे तो देखा कि सड़क के बीच-बीच में अभी भी पुलिया आदि में चौड़ीकरण का काम चल रहा है, जिससे दुर्घटना की आशंका बनी है.

जिले की खस्ताहाल सड़कों को लेकर बांदा सदर के विधायक प्रतिनिधि रजत सेठ ने कहा,

जिलों की वह सभी सड़कें, जिनमें गड्ढे हैं, उनका प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा जा चुका. बाईपास के लिए 121 करोड़ का बजट सहित अन्य कई सड़कों का बजट भी स्वीकृत हो चुका है. जिले की कई सड़कों पर तेजी से मरम्मत का काम चल रहा है. बीच में बारिश के कारण सड़कों की मरम्मत करने में दिक्कतें थीं, अब बारिश खत्म हो गई है तो जल्द ही जिले की सड़कें गड्ढा मुक्त हो जाएंगी.

रजत सेठ, विधायक प्रतिनिधि , बांदा सदर

जब हमने जिले की खराब सड़कों को लेकर बांदा के डीएम अनुराग पटेल से बातचीत करने की कोशिश की तो उन्होंने बताया, “प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार गड्ढा मुक्त सड़कों को लेकर 15 सितंबर से 15 नवंबर तक अभियान चलाया जा रहा है. 15 नवंबर तक जिले में जितनी भी सड़कें हैं वह गड्ढा मुक्त हो जाएंगी.”

उन्होंने आगे कहा, “अभी जिले में 330 सड़कें चिन्हित की गई हैं, जिसकी लंबाई 650 किलोमीटर है, जिनको गड्ढा मुक्त किया जाना है. अभी 72 किलोमीटर सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का कार्य चल रहा है. इस बार बहुत बारिश हुई है, जिस कारण गड्ढा मुक्त सड़कों का अभियान रुका था. अब अभियान चलाकर निर्धारित तारीख से पहले जिले की सड़कें गड्ढा मुक्त कर ली जाएंगी.”

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