समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता आजम खान को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है. आजम खान को रामपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने साल 2019 के एक भड़काऊ भाषण मामले में दोषमुक्त करते हुए बरी कर दिया है. हालांकि अभी भी आजम खान को जेल में ही रहना होगा क्योंकि वे अन्य मामलों में सजा काट रहे हैं.
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लोकसभा चुनाव में भड़काऊ भाषण का था आरोप
भड़काऊ भाषण से जुड़े जिस मामले में आजम खान को बरी किया गया है ये साल 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान का था. उस वक्त आजम खान रामपुर से सपा-बसपा गठबंधन के प्रत्याशी थे. आरोप था कि उन्होंने सपा कार्यालय पर कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए तत्कालीन जिलाधिकारी DM और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ बेहद आपत्तिजनक और हिंसा भड़काने वाला भाषण दिया था. इस मामले में तत्कालीन कांग्रेस नेता फैसल खान लाला ने रामपुर शहर कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई थी.
इस मामले में वादी द्वारा एक सीडी प्रस्तुत की गई थी जिसमें आजम खान को भाषण में कहते दिखाया गया था. इस दौरान आजम खान के कहा कि यह अधिकारी रामपुर को खून से नहलाना चाहते हैं यह जिन जिलों में रहे हैं वहां कमजोरों को तेजाब डालकर गलाया है. कोर्ट में लंबी चली बहस और साक्ष्यों के अवलोकन के बाद अदालत ने आज अपना फैसला सुनाते हुए उन्हें इन आरोपों से बरी कर दिया.
राहत के बाद भी जेल में क्यों रहेंगे आजम खान?
भले ही आज आजम खान को इस मामले में राहत मिल गई हो. लेकिन उनकी रिहाई अभी मुमकिन नहीं है.। दरअसल बीती 17 नवंबर 2025 को रामपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने ही दो अलग-अलग पैन कार्ड रखने के मामले में आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को 7-7 साल की सजा सुनाई थी. इस सजा के चलते पिता-पुत्र दोनों फिलहाल रामपुर जेल में ही बंद रहेंगे.
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