राम मंदिर की पहली झलक: 48 लेयर की नींव! जानें रामलला का ‘घर’ अबतक कितना बना

कुमार अभिषेक

• 03:24 PM • 16 Sep 2021

अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण कार्य की पहली झलक हमारे सामने आई है. गुरुवार को श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने जब पहली बार…

uptak

uptak

follow google news

अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण कार्य की पहली झलक हमारे सामने आई है. गुरुवार को श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने जब पहली बार मंदिर की अबतक तैयार हुई रूपरेखा दिखाने के लिए अपने दरवाजे खोले, तो यूपी तक की टीम ने अपने कैमरों से अयोध्या में चल रही पूरी कवायद को शूट किया. लंबे समय से चल रहे कानूनी विवाद के निपटारे के बाद जबसे राम मंदिर का निर्माण शुरू हुआ है, देश समेत दुनिया के श्रद्धालुओं की नजर इसकी एक झलक पाने पर टिकी हुई है. यूपी तक की इस खास रिपोर्ट में हम आपतक वही झलक लेकर आए हैं.

यह भी पढ़ें...

निर्माण शुरू होते ही जब आई बड़ी बाधा, इंजीनियरिंग के बेस्ट माइंड ने निकाला हल

अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर की नींव का काम पूरा होने के साथ ही इसके निर्माण का प्रथम चरण का कार्य पूरा हो गया है। राम मंदिर की नींव इंजीनियरिंग का बेहतरीन नमूना है. इसके लिए भारतभर से विशेषज्ञों की मदद ली गई है. सुप्रीम कोर्ट से फैसला आने के बाद राम मंदिर निर्माण कार्य शुरू हुआ था, तो एक बड़ी मुश्किल सामने गई. यह ऐसी मुश्किल थी, जिसकी वजह से निर्माण की पूरी योजना ही बदलनी पड़ी. दरअसल पहले मंदिर की नींव पिलर पर खड़ी की जानी थी. ठीक वैसे जैसे समुंद्र या नदी में निर्माण कार्य के समय पिलर बोर किए जाते हैं. जब परीक्षण के लिए 6 पिलर्स को बोर किया गया और उसपर मंदिर का औसत वजन डाला गया तो पिलर्स न सिर्फ हिल गए, बल्कि अपने स्थान से खिसक गए.

बालू और भुरभुरी मिट्टी बनी चुनौती, तो 48 लेयर की नींव ही बना दी पिलर के हिलने की वजह थी जमीन में बालू और भुरभुरी मिट्टी का मिलना. इसके बाद लंबी मंत्रणा हुई. तय हुआ कि मंदिर की नीचे की नींव की भूमि का विशेष तरीके से निर्माण किया जाए. निर्माण स्थल की भूमि को पहले लगभग 40 फीट तक खोदा गया. उसके बाद मजबूत पत्थर की कंक्रीट में उच्च क्षमता के सीमेंट और खास रसायन का इस्तेमाल कर लेयर में मिश्रण को डाला गया. एक लेयर के लिए मिश्रण को 12 इंच मोटा डाला गया. उसे हैवी रोलर से कंप्रेस कर 10 इंच में बदला गया. इस तरह के 48 लेयर से राम मंदिर की नींव तैयार हुई है. यही वजह है कि राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय इसे इंजीनियरिंग का बेजोड़ नमूना बता रहे हैं.

अब शुरू होगा फाउंडेशन वर्क

राम मंदिर की नींव का जो स्ट्रक्चर तैयार हुआ है, वहां से अब पत्थर का फाउंडेशन का काम शुरू होगा. डेढ़ फीट जमीन के नीचे और साढ़े 13 फीट जमीन की सतह के ऊपर यानि कुल 15 फीट का यह पूरा फाउंडेशन होगा. तीन मंजिल के इस पूरे राम मंदिर का प्रथम तल का निर्माण होते ही दर्शन पूजन नए मंदिर में शुरू हो जाएगा. जिस जगह गर्भगृह था, वहां एक केसरिया झंडा लगाया गया है, जिससे उस स्थान को चिन्हित रखा जाए.

क्या साधु संत और क्या समाजसेवी, सभी दिखे प्रसन्न: राम मंदिर ट्रस्ट द्वारा राम मंदिर का निर्माण कार्य दिखाए जाने से अयोध्या के साधु-संत और राम मंदिर आंदोलन से जुड़े लोग खासे प्रसन्न हैं और एक दूसरे को बधाई दे रहे हैं. आइए उन्हीं की जुबानी उनकी प्रसन्नता की कहानी बताते हैं.

राम भक्तों की अपेक्षा थी कि जल्दी से भगवान राम की जन्मभूमि पर मंदिर बनकर तैयार हो जाए. उस कड़ी में भक्तों की इच्छा थी कि मंदिर निर्माण देखें. मैं ट्रस्ट को साधुवाद दूंगा कि ट्रस्ट के लोगों ने विचार किया और उसके बाद निर्माण कार्य को हम सीधे देख सकते हैं. लोगों में अति प्रसन्नता है और खुशी है की भगवान के मंदिर निर्माण को हम लोग अपनी आंखों से देख रहे हैं.

राजू दास, महन्त, हनुमानगढ़ी

आज बहुत खुशी का पल है सभी रामभक्तों के लिए. रामलला के मंदिर का नींव का कार्य सम्पन्न हुआ. रामभक्तों के लिए बहुत बड़ा दिन है. आज उन लोगों की आत्मा को शांति मिलेगी, जिन्होंने राम मंदिर आंदोलन के तहत कार्य किया था. राम मंदिर आंदोलन से मैं जुड़ा रहा था. एक-दूसरे को हम लोग बधाई दे रहे हैं और मिठाइयां खिला रहे हैं.

बब्लू खान, समाजसेवी

भगवान श्री राम लला का भव्य और दिव्य राम मंदिर निर्माण चल रहा है. आज राम मंदिर ट्रस्ट ने पत्रकारों को आमंत्रित कर राम मंदिर निर्माण को दिखाया. लंबे सफर के बाद राम मंदिर का निर्माण हो रहा है. कितनी पीढ़ियों ने राम मंदिर के लिए अपने को बलिदान कर दिया आज सभी राम भक्त खुशी से झूम रहे हैं. साधु-संतों में हर्ष की लहर है.

संत परमहंस, तपस्वी छावनी, अयोध्या

    follow whatsapp
    Main news