जफर सरेशवाला ने अतीक के बेटे असद को क्यों सुनाया था शाहरुख की ‘रईस’ के डॉन लतीफ का किस्सा?

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माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की हत्या शनिवार (15 अप्रैल) को गोली मारकर की गई थी. इस दोहरे हत्याकांड से पहले 13…

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माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की हत्या शनिवार (15 अप्रैल) को गोली मारकर की गई थी. इस दोहरे हत्याकांड से पहले 13 अप्रैल को झांसी में UPSTF ने माफिया के तीसरे नंबर के बेटे असद और उसके गुर्गे गुलाम को एनकाउंटर में ढेर कर दिया था. गुजरात के बड़े व्यापारी और राजनीतिक विश्लेषक जफर सरेशवाला ने अतीक के बेटे असद को लेकर एक बड़ा बयान दिया है.

जफर सरेशवाला ने बताया कि जब माफिया अतीक को गुजरात की साबरमती जेल लाया जा रहा था तब असद उनके पास आया था. जफर सरेशवाला के अनुसार, उस समय असद ने उनकी बात अतीक से करवाई थी. जफर ने बताया कि अतीक ने उनसे फोन पर अपनी हिफाजत की मांग की थी.

जफर सरेशवाला ने कहा, “मैंने असद से कहा कि जिस रास्ते पर आपके वालिद चले हैं न वो बड़ा खतरनाक है. इसका अंजाम बहुत ही बुरा है. फिर मैंने उसे (असद) को कहा कि कुछ समय पहले एक फिल्म आई थी रईस. रईस फिल्म में शाहरुख खान अहमदाबाद के डॉन हुआ करते थे, जिनका नाम लतीफ था.”

उन्होंने आगे कहा, “मैंने लतीफ को बचपन से देखा था. उनका बड़ा सिक्का था. गुजरात में उनके नाम के बगैर परिंदा पर भी नहीं मार सकता था. हमने देखा था कि ट्रकें भर-भरकर चांदी उतरती थीं. उनका अंजाम इतना खतरनाक हुआ कि आज उनके बच्चे पाई-पाई को मोहताज हो गए हैं. उनका कोई नाम नहीं लेने वाला है और ना ही पूछने वाला है.”

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जफर सरेशवाला ने कहा, “मैंने हाथ जोड़कर असद से कहा कि इस रास्ते से दूर रहो. फिर मैंने उसकी मां को फोन लगाया और उनसे भी मैंने यही सब बातें कहीं. मैंने उनसे यह भी कहा कि आप अपने औलाद को उनसे (अतीक अहमद) से दूर रखना… यही बातें मैंने बाप, बेटे और उसकी मां को भी कहीं.”

उन्होंने कहा कि इस रास्ते का अंजाम बड़ा खतरनाक है. जिनका एक समय दबदबा था आज उन्हें कोई पूछने वाला नहीं है. सियासी पार्टियां माफियाओं का इस्तेमाल करती हैं, लतीक के साथ भी यही हुआ.

अतीक और अशरफ की हत्या

गौरतलब है कि शनिवार, 15 अप्रैल को पूर्व सांसद और माफिया अतीक और उसके छोटे भाई अशरफ की प्रयागराज में गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई. यह वारदात तब घटी, जब पुलिस दोनों भाइयों को प्रयागराज के एक अस्पताल में मेडिकल चेकअप के लिए ले जा रही थी. ध्यान देनी वाली बात यह है कि अतीक की हत्या उस दिन हुई, जिस दिन उसके तीसरे नंबर के बेटे असद को सुपुर्द-ए-खाक किया गया था. दरअसल, उमेश पाल मर्डर केस में 5 लाख रुपये का इनामिया असद फरार चल रहा था, जिसका 13 अप्रैल को झांसी में UPSTF ने एनकाउंटर कर दिया था.

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