स्वामी मौर्य-महंत राजू दास के बीच मारपीट की नौबत, सपा नेता ने मांगी अतिरिक्त सुरक्षा

सत्यम मिश्रा

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रामचरितमानस पर विवादित बयान को लेकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य और हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास के बीच मारपीट की नौबत आ गई.

लखनऊ स्थित ताज होटल में बुधवार को एक निजी चैनल के कार्यक्रम के आयोजन के दौरान स्वामी प्रसाद मौर्य के सामने पड़ते ही राजू दास भड़क गए और भगवान राम के अपमान को लेकर भिड़ गए. दोनों के बीच मारपीट की नौबत आने पर बीच-बचाव के बाद मामला शांत हुआ.

ताज होटल में इस घटना के बाद स्वामी मौर्य ने पुलिस कमिश्नर लखनऊ को पत्र लिख अतिरिक्त सुरक्षा दिए जाने की मांग की है. साथ ही स्वामी मौर्य ने ताज होटल की सुरक्षा पर भी सवाल खड़ा किया है.

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स्वामी प्रसाद ने पत्र में लिखा कि ताज होटल में आयोजित कार्यक्रम से निकलने के दौरान अयोध्या के हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास और उनके समर्थकों के द्वारा तलवार और फरसा से हमले की कोशिश की गई. सपा नेता ने कहा कि समर्थकों द्वारा बीच-बचाव करने पर वह सकुशल अपने वाहन से बैठकर घर पहुंचे.

स्वामी मौर्य ने पत्र में कहा कि उक्त लोगों (महंत राजू दास के समर्थक) द्वारा मुझे मारने के लिए 21 लाख रुपये का रकम भी घोषित किया गया है. यह जानते हुए भी उन्हें (महंत राजू दास) को इस कार्यक्रम में बुलाना और उनके निर्धारित समय से पहले बुलाकर हथियारों के साथ बैठाना भी कुटिल साजिश है.

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बता दें कि पिछले दिनों अयोध्या स्थित हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने सपा नेता के इस बयान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए स्वामी मौर्य का सिर कलम करने वाले को 21 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की थी. उसके बाद से ही रामचरितमानस को लेकर दोनों के बीच जुबानी जंग चल रही है.

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महंत राजू दास ने लगाया ये गंभीर आरोप

वहीं, इस घटना के बाद महंत राजू दास ने आरोप लगाया, “स्वामी प्रसाद ने अपने समर्थकों को मेरी तरफ ललकारा. स्वामी के समर्थकों ने मुझे पीटा है.” उन्होंने कहा कि हम 3-4 लोग थे स्वामी के साथ 50 लोग थे. महंत राजू दास ने यह भी कहा कि वह स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ केस दर्ज कराएंगे.

रामचरितमानस को लेकर स्वामी मौर्य ने क्या कहा था?

गौरतलब है कि सपा के विधान परिषद सदस्य स्वामी प्रसाद मौर्य ने 22 जनवरी को कहा था कि श्रीरामचरितमानस की कुछ पंक्तियों में जाति, वर्ण और वर्ग के आधार पर यदि समाज के किसी वर्ग का अपमान हुआ है तो निश्चित रूप से वह ‘‘धर्म नहीं अधर्म’’ है.

मौर्य ने मांग की थी कि पुस्तक के ऐसे हिस्से पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए जो किसी की जाति या ऐसे किसी चिह्न के आधार पर किसी का अपमान करते हैं.

पिछले दिनों रामचरितमानस के बयान के विरोध में वाराणसी के टेंगरा मोड़ के पास स्वामी प्रसाद की गाड़ी पर काली स्याही फेंकी गई थी. इस दौरान मौर्य को काले झंडे भी दिखाए गए थे. विरोध करने वाले लोगों ने इस दौरान हर-हर महादेव के नारे भी लगाए थे.

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