लखीमपुर खीरी: SC ने कहा- गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित हो, आशीष की बेल पर भी मांगा जवाब
लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में पिछली साल 3 अक्टूबर हुई हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की है. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी…
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लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में पिछली साल 3 अक्टूबर हुई हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की है. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आरोपी आशीष मिश्रा को जमानत दिए जाने के हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार से अपना रुख स्पष्ट करने को कहा. इस हिंसा में चार किसानों सहित आठ लोग मारे गए थे.
आपको बता दें कि इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से लखीमपुर मामले के गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी कहा है.
गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी में हिंसा में मारे गए किसानों के परिवारों के तीन सदस्यों ने मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को इलाहाबाद हाई कोर्ट की तरफ से जमानत दिए जाने को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है. याचिकाकर्ताओं की तरफ से वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने यह याचिका दाखिल की है. वहीं, एक वकील शिव कुमार त्रिपाठी और सीएस पांडा ने भी आशीष की जमानत को चुनौती दी है.
पीड़ित किसानों के परिजनों ने अपनी याचिका में कहा है कि राज्य सरकार ने अब तक इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती नहीं दी, लिहाजा मजबूरन उन्हें सुप्रीम कोर्ट आना पड़ा है.
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बता दें कि पिछले साल 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया इलाके में हुई हिंसा में 4 किसानों समेत 8 लोगों की मौत हो गई थी. किसानों की मौत के मामले में आशीष की गिरफ्तारी हुई थी.
आशीष की गिरफ्तारी के बाद, उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से बनाए गए विशेष जांच दल यानी एसआईटी ने पांच हजार पेज का आरोपपत्र स्थानीय अदालत में दायर किया था. स्थानीय अदालत ने मिश्रा की जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जबकि हाई कोर्ट ने जमानत मंजूर कर मिश्रा को कुछ शर्तों के साथ जेल से रिहा करने का आदेश दे दिया.
(भाषा के इनपुट्स के साथ)
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