दुर्लभ प्रजाति के 34 कछुए बरामद, शक्तिवर्धक दवाओं को बनाने में किया जाता है इनका इस्तेमाल!

विनित पाण्डेय

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गोरखपुर जिले की पुलिस को उस समय सफलता हाथ लगी जब निकाय चुनाव के दौरान पुलिस वाहनों की चेकिंग कर रही थी. इस दौरान एक सफेद कलर की स्कॉर्पियो आती दिखाई थी. जब पुलिस ने शक के आधार पर उसको रोका और तलाशी ली तो पुलिसवालों के होश उड़ गए.

तलाशी के दौरान पुलिस को दुर्लभ प्रजाति के 34 कछुए बोरी में भरे मिले, जिनका इस्तेमाल पुरुष शक्ति को बढ़ाने और शक्तिवर्धक दवाओं को बनाने में किया जाता है! इसके साथ ही स्कॉर्पियो गाड़ी में चार लोग बैठे थे, जो तस्करी कर इन दुर्लभ प्रजाति के कछुओं को यहां से बांग्लादेश भेजा जाना था, जहां से इन्हें चाइना, सिंगापुर, नेपाल, पाकिस्तान जैसे देशों को निर्यात किया जाता है. इन देशों में इनकी भारी डिमांड है.

फिलहाल, पुलिस ने गाड़ी समेत चारों तस्करों और कछुए को अपने कब्जे में ले लिया. बता दें कि इन कछुओं को यहां से पश्चिम बंगाल और फिर बांग्लादेश भेजा जाना था. बांग्लादेश से इन कछुओं को चीन, पाकिस्तान, नेपाल, इंडोनेशिया, सिंगापुर जैसे देशों में को निर्यात किया जाता है, जहां इनकी भारी मांग होती है. इन कछुओं से शक्ति वर्धक दवाइयां बनाई जाती हैं. जिन्हें अंतरराष्ट्रीय मार्केट में मांगी कीमत पर बेचा जाता है. स्थानीय स्तर पर यह कार्य पिछले कई सालों से किया जा रहा.

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वहीं, एसपी सिटी कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया, “बीती रात वाहन चेकिंग के दौरान कैंट पुलिस को एक स्कॉर्पियो गाड़ी में रखे बोरे की तलाशी ली गई. इस दौरान दुर्लभ प्रजाति के 34 इंडियन फ्लैश सेल टर्टल मिले, जिन्हें तस्करी के लिए एक बंगाली डॉक्टर के पास ले जाया जा रहा था.”

एसपी सिटी ने बताया, “गिरफ्तार किए गए चारों तस्करों से पूछताछ में उन्होंने बताया कि बंगाली डॉक्टर द्वारा इन कछुओं को यहां से बांग्लादेश भेजा जाता है और फिर इन्हें चीन, पाकिस्तान, सिंगापुर, इंडोनेशिया और नेपाल जैसे देशों को निर्यात किया जाता है. वहां इन कछुआ से मर्दाना और पौरुष शक्ति बढ़ाने वाली दवाइयां बनाई जाती हैं. एक कछुए की कीमत अंतरराष्ट्रीय मार्केट में 30 से 40 हजार रुपये है. लेकिन स्थानीय स्तर पर इन कछुओं को किलो के भाव में इन तस्करों को बेचा जाता है.

उन्होंने आगे बताया कि रामगढ़ ताल और आस पास की नदियों से इन कछुओं को पकड़ा जाता है. इन्हें पकड़ने के लिए एक स्पेशलिस्ट है, जो इन कछुओं को पकड़ता है और इन्हें तस्करों को सौंप देता है. एक कछुए का वजन 15 से 20 किलो के आसपास है. विदेशों में इन कछुओं की भारी डिमांड है. पकड़े गए तस्करों को वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया है. इन से जुड़े अन्य तस्करों और बंगाली डॉक्टर की तलाश जारी है.

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