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अशरफ की खूफिया चिट्ठी की थी चर्चाएं और निकल आया अतीक का लेटर, ये कहानी तो पूरी खुल गई

सिमर चावला

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Atiq and Ashraf News: अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के बाद एक चिट्ठी की काफी चर्चा रही. वह चिट्ठी जिसके बारे में अशरफ ने दावा किया था कि अगर उनकी हत्या होती है, तो यह सीएम योगी और चीफ जस्टिस तक पहुंच जाएगी. जैसा कि अतीक और अशरफ को आशंका थी कि उनकी हत्या हो जाएगी, हुआ भी वैसा ही, लेकिन चिट्ठी को लेकर सस्पेंश आजतक बरकरार है. इस बीच एक दूसरी चिट्ठी सामने आ गई है, जिसने अतीक, अशरफ और उमेश पाल हत्याकांड में एक नया ही एंगल डाल दिया है. यह चिट्ठी है अतीक अहमद की.

अतीक की ये चिट्ठी पूर्व सांसद के उसके लेटर हेड पर लिखा हुआ है. हालांकि ये चिट्ठी पुरानी है. यह लेटर 17 अगस्त 2012 को लिखा गया है. अब आप सोच रहे होंगे कि इस पुराने लेटर का अभी के किस्से से क्या कनेक्शन है? असल में अतीक ने यह लेटर उन्हीं उमेश पाल के संबंध में लिखा था, जिनकी 24 फरवरी को हत्या के बाद ही बेटे, भाई समेत अतीक की जान गई.

क्या लिखा गया है इस पुराने लेटर में?

अतीक ने यह लेटर यूपी के तत्कालीन गृह सचिव को लिखा था. अतीक ने लिखा था उमेश पाल ने अपहरण का फर्जी मुकदमा दर्ज कराया है.इस वजह से मेरी छवि धूमिल हो रही है और मेरा मान सम्मान कम हो रहा है. पत्र में अतीक ने लिखा था कि, ‘हमने कई बार उमेश पाल से बात करने की कोशिश की लेकिन उसने हमने मिलने के लिए मना कर दिया.’

अतीक ने आगे लिखा कि,’ऐसे में आप व्यक्तिगत स्तर पर इस मामले का निस्तारण करने का कष्ट करें. इस मुकदमे को खत्म करवाने की प्रक्रिया काफी समय से लंबित है, इसलिए उसकी पत्रावली मंगवा कर मुकदमा वापस कर दें. हालांकि उस वक्त यूपी में अखिलेश यादव की सरकार थी और तत्कालीन सरकार ने केस बंद नही किया था.

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तो उमेश पाल की हत्या का राज खोल गया ये खत?

आपको बता दें कि पुलिस पूछताछ में अतीक ने कबूल किया था कि उमेश पाल की वजह से उसकी बादशाहत कम हो रही थी, इसीलिए अपने साम्रज्य को बचाने के लिए हत्या करवाई थी. पुलिस कस्टडी रिमांड में अतीक ने ये भी बताया था कि कई बार उमेश पाल को मिलने के लिए बुलाया लेकिन वो नहीं आया. इसकी वजह से दिमाग खराब हो गया था और हत्या करवा दी थी.

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