लखीमपुर खीरी हिंसा के एक साल: हिंसा की भेंट चढ़ गई थीं आठ जिंदगियां, कब-क्या हुआ, सब जानिए

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लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में 3 अक्टूबर 2021 को बहे खून को आज यानी सोमवार को पूरा एक साल हो गया है. गौरतलब है कि तिकुनिया इलाके में 3 अक्टूबर को भारी हिंसा हुई थी. इस हिंसा में चार किसान समेत कुल 8 लोगों की जान चली गई थी. हिंसा की यह घटना तिकुनिया में आयोजित दंगल कार्यक्रम में यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के पहुंचने से पहले हुई थी. आपको बता दें कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी का बेटा आशीष मिश्रा समेत हिंसा के अन्य आरोपी फिलहाल जेल में बंद हैं.

क्या था पूरा घटनाक्रम?

  • उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य लखीमपुर में एक कार्यक्रम में आए हुए थे. मौर्य के साथ केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी लगातार मौजूद थे. केशव प्रसाद मौर्य को इस कार्यक्रम के बाद टेनी के पैतृक गांव में हर साल होने वाले दंगल कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आना था.

  • केशव प्रसाद मौर्य और अजय मिश्रा आपने काफिले के साथ दोपहर करीब 1:30 बजे लखीमपुर से बनवीरपुर के लिए निकले थे.

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  • उधर बनवीरपुर में दंगल कार्यक्रम तय समय के मुताबिक, सुबह 8 बजे से शुरू हो गया था.

  • जब मौर्य और टेनी निघासन के पास (तिकुनिया से करीब 20-25 किलोमीटर पहले) पहुंच गए तब 3 गाड़ियों का काफिला उन्हें रिसीव करने के लिए करीब ढाई बजे बनवीरपुर से निकला था.

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  • रास्ते में तिकुनिया में प्रदर्शनकारी किसान काले झंडे लेकर पहले से मौजूद थे, मंत्री और डिप्टी सीएम का विरोध करने के लिए.

  • हिंसा की घटना तब हुई, जब डिप्टी सीएम को रिसीव करने जा रहा गाड़ियों का काफिला और प्रदर्शनकारी किसान आमने-सामने थे. संयुक्त किसान मोर्चा ने आरोप लगाया है कि ‘अजय मिश्रा टेनी के बेटे के इस काफिले’ ने किसानों को रौंदा और फायरिंग भी की गई.

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  • हालांकि, इस मामले में मंत्री टेनी के बेटे आशीष मिश्रा ने दावा किया है कि घटना के वक्त वह काफिले की गाड़ियों में मौजूद नहीं थे. इसके साथ ही आशीष ने दावा किया है, ”हमारे कार्यकर्ता डिप्टी सीएम को रिसीव करने जा रहे थे, जैसे ही वो लोग तिकुनिया से निकले, तो अपने आप को किसान कहने वालों ने आक्रमण कर दिया.”

  • बताया जा रहा है कि काफिले में तीन गाड़ियां – थार, फॉर्च्यूनर और स्कॉर्पियो थीं. गुस्साए किसानों ने थार और फॉर्च्यूनर को जला दिया, जबकि स्कॉर्पियो निकल गई.

  • हेलीपेड कनेक्शन क्या है?

    केशव प्रसाद मौर्य के पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक, उन्हें बनवीरपुर हेलीकॉप्टर से आना था, जिसके लिए हेलीपेड तैयार किया गया था. हालांकि, किसानों ने विरोध के तौर पर हेलीपेड को पहले ही क्षतिग्रस्त कर दिया था.

    मगर बताया जा रहा है कि केशव प्रसाद मौर्य लखनऊ से ही बाई रोड निकले थे क्योंकि खराब मौसम की वजह से हेलीकॉप्टर नहीं मिला था.

    बाद में जब किसानों को इस बारे में पता चला तो वे काले झंडे लेकर विरोध करने के लिए तिकुनिया पर इकट्ठे हुए थे. किसानों को जानकारी मिली थी कि तिकुनिया से ही मंत्री निकलेंगे.

    जब घटना हुई तब केशव प्रसाद मौर्य कहां थे?

    • मौर्य और टेनी निघासन तक पहुंच गए थे. तिकुनिया से करीब 20-25 किलोमीटर पहले तक.

    • उन्हें वाया तिकुनिया होते हुए बनवीरपुर जाना था, लेकिन आखिरी पलों में रूट चेंज कर दिया गया था.

    • जब घटना हुई उस वक्त मौर्य और टेनी बनवीरपुर से एक किलोमीटर की दूरी पर थे.

    • घटना की जानकारी होते ही बनवीरपुर से ठीक पहले उनकी वापसी हो गई थी.

    दंगल की क्या कहानी है?

    • अजय मिश्रा टेनी के पिता अम्बिका प्रसाद मिश्रा के जमाने से ही टेनी महाराज का परिवार हर साल कुश्ती प्रतियोगिता करवाता आ रहा है.

    • अजय मिश्रा के समय में पिछले कुछ सालों से इस प्रतियोगिता में पूरे प्रदेश से पहलवान आने लगे थे. अजय मिश्रा खुद भी पहलवानी का शौक रखते हैं.

    • इस प्रतियोगिता का नाम अजय मिश्रा ने आपने पिता के नाम पर रखा है- स्वर्गीय अम्बिका प्रसाद कुश्ती प्रतियोगिता. हर साल बनवीरपुर में यह प्रतियोगिता आयोजित होती है.

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