ओवैसी ने अतीक की हत्या की तुलना एहसान जाफरी केस से की, जानें गुजरात में तब क्या हुआ था

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अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या को लेकर उत्तर प्रदेश में राजनीति तेज हो गई है. इस हत्याकांड को लेकर उठ रहे सवालों के बीच एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) लगातार सत्तारूढ़ बीजेपी पर हमलावर हैं. अब इस हत्याकांड को ओवैसी ने साल 2002 में हुए गुजरात दंगों से जोड़ते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी है.

उन्होंने ट्वीट कर कहा कि ‘अतीक दूसरे मुस्लिम पूर्व सांसद हैं जिनकी निर्मम हत्या कर दी गई. एहसान जाफरी को 2002 में गुजरात में एक भीड़ ने बेरहमी से मार डाला था और आज पुलिस हिरासत में अतीक की गोली मार कर हत्या कर दी गई है.’

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ओवैसी ने अपने ट्वीट में एहसान जाफरी नामक शख्स का जिक्र किया है, आइए इनके बारे में जानते हैं-

गुजरात में एहसान जाफरी कांग्रेस के पूर्व सांसद रहे हैं. साल 2002 में गुजरात में भड़के दंगे के दौरान उनके घर पर उत्तेजित भीड़ ने हमला कर दिया था, जिसमें उनकी मौत हो गई थी.

दरअसल, 27 फरवरी, 2002 को एक खबर आई थी कि साबरमती एक्‍सप्रेस के जिस कोच में कारसेवक सफर कर रहे थे, उसमें आग लगा दी गई है. कोच में आग लगने की घटना के अगले दिन यानी 28 फरवरी, 2002 को गुजरात स्थित गुलबर्ग सोसायटी में उत्तेजित भीड़ ने हमला कर दिया. बता दें कि इस सोसायटी में अधिकांश मुस्लिम परिवार रहते थे.

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उत्तेजित भीड़ ने शाम होते-होते सोसायटी के कई लोगों को मार डाला. तत्कालीन कांग्रेस सांसद एहसान जाफरी को भी उत्तेजित भीड़ ने मौत के घाट उतार दिया था.

ओवैसी ने सीएम योगी के इस्तीफे की मांग की

ओवैसी ने इस हत्याकांड को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस्तीफे की मांग की.उन्होंने साथ ही इस मामले की उच्चतम न्यायालय की निगरानी में जांच कराने का अनुरोध किया.

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ओवैसी ने आरोप लगाया कि भाजपा उत्तर प्रदेश में कानून के दम पर नहीं, बल्कि ‘बंदूक के दम पर’ सरकार चला रही है। उन्होंने कहा कि 2017 में भाजपा सरकार बनने के बाद से यह जारी है.

उत्तर प्रदेश में अतीक और उसके भाई अशरफ की हत्या के एक दिन बाद हैदराबाद के सांसद ओवैसी ने इन हत्याओं को सोची-समझी साजिश करार दिया.

उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘आप देखिए किस तरह से हथियार चलाए गए. यह सोची-समझी साजिश के तहत की गई हत्या है और वे (हत्या में शामिल लोग) पेशेवर हैं.’’

ओवैसी ने कहा, ‘‘भाजपा की उत्तर प्रदेश सरकार की भूमिका कितनी है… और ये कौन लोग हैं, जिन्होंने पुलिस और मीडिया की मौजूदगी में सोची-समझी साजिश के तहत हत्या को अंजाम दिया? उन्हें किसने कहा? उनकी पृष्ठभूमि क्या है और पुलिस ने उन्हें रोका क्यों नहीं? उच्चतम न्यायालय की निगरानी में इस घटना की जांच की जानी चाहिए.’’

इस घटना की निंदा करते हुए एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा कि केवल भारतीय मुस्लिम ही नहीं, बल्कि कानून के राज और संविधान में विश्वास रखने वाले देश के सभी नागरिक ‘आज कमजोर महसूस करते हैं.’ ओवैसी ने आरोप लगाया कि बहुसंख्यक समुदाय में कट्टरपंथ है.

 उन्होंने पूछा, ‘‘ये कौन लोग हैं? क्या कल की हत्याओं में शामिल लोगों का संबंध उत्तर प्रदेश सरकार से नहीं है… मैं सवाल उठा रहा हूं… मुझे नहीं मालूम कि उनका संबंध है या नहीं और वे कैसे कट्टरपंथी हुए? उन्हें ये हथियार कैसे मिले?’’

ओवैसी ने कहा कि पूरी जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की है और उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए.

उन्होंने कहा कि हत्या से पहले पूर्व सांसद अतीक अहमद ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था और उसने कहा था कि उत्तर प्रदेश का सरकारी तंत्र उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करेगा.

ओवैसी के अनुसार, हत्या की योजना पहले से बनायी गयी थी और इसलिए स्वतंत्र जांच की आवश्यकता है. उन्होंने पूछा, ‘‘यह उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार की नाकामी है. वे तथ्यों के साथ कैसे सामने आएंगे?’’

(भाषा के इनपुट्स के साथ)

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