आरिफ के बाद अब सुल्तानपुर के अफरोज-सारस की दोस्ती के चर्चे, यहां भी वापस ले लिया पक्षी

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इन दिनों अमेठी जिले में आरिफ और सारस की दोस्ती सुर्खियों में है. इस बीच अब सुल्तानपुर जिले में अफरोज और सारस की दोस्ती सामने आई है. सोशल मीडिया के जरिए अफरोज और सारस के बीच की दोस्ती की जानकारी वन विभाग को हुई. इसके बाद वन विभाग की टीम मंगलवार रात को अफरोज के घर पहुंची और सारस को अपने कब्जे में ले लिया. वन विभाग द्वारा सारस को ले जाने के बाद से ही अफरोज बेहद निराश है.

सुल्तानपुर के देहात कोतवाली के छतौना गांव के रहने वाले अफरोज के साथ यह सारस पिछले 6 महीनों से रह रहा था. अफरोज को यह सारस मछली पालने वाले तलाब के पास मिला था. तब सारस एक महीने का था. यह सारस अफरोज और उसके परिवार के साथ खेलता-कूदता और खाता-पीता है. घर वालों ने इस सारस का नाम ‘स्वीटी’ रखा है.

ऐसे मिला सारस

अफरोज ने बताया कि 6 महीने पहले वह कुछ काम से चांदा क्षेत्र में गए हुए थे. वहां मछली पालन वाले तलाब के पास उन्हें ये सारस मिला था. उस वक्त उन्हें ये नहीं पता चला कि ये बत्तक का बच्चा है या किसी और का बच्चा है. उन्होंने आगे बताया कि अगर ये वहां रहता तो किसी जानवर का शिकार हो जाता. उस वक्त वहां कोई नहीं था, इसीलिए उसे वह अपने घर ले आए और उसका ख्याल रखा. कुछ ही दिनों में ये सारस अफरोज और उनके परिवार वालों के साथ काफी घुल-मिल गया. अब यह सारस पांच फीट से ज्यादा लंबा हो गया है.

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सारस के जाने से अफरोज बेहद निराश

वन विभाग द्वारा सारस को ले जाने के बाद अफरोज बेहद निराश नजर आ रहा है. अफरोज ने बताया कि वह हर तरह से लिखा-पढ़ी को तैयार है कि सारास को किसी भी हाल में नुकसान नहीं पहुंचाएगा. अफरोज ने साफ कहा कि उसे राजनीति से दूर रखा जाए और उसकी स्वीटी यानी सारस को उसके सुपुर्द कर दिया जाए. अभी सारस बच्चा है , उड़ना भी नहीं जानता. जब उड़ना जान जाएगा तो वह उसे खुद ही छोड़ देंगे.

अफरोज पर दर्ज हुआ मुकदमा

वहीं, जिला वनाधिकारी आर के त्रिपाठी ने बताया कि सोशल मीडिया के जरिए उन्हें अफरोज के सारस पालने की जानकारी मिली थी. लिहाजा टीम भेज कर पता करवाया गया तो सूचना सही पाई गई. फिर सारस को कब्जे में ले लिया गया है. फिलहाल राजकीय पक्षी के पालने के आरोप में अफरोज पर सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है.

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उन्होंने बताया कि सारस को वन विभाग कार्यालय में रखा गया है. सारस पूरी तरह स्वस्थ है. बहरहाल आलाधिकारियों को सूचना दी गई है साथ ही उनके निर्देश पर रात में सारस को किसी पक्षी विहार में छोड़ दिया जाएगा. सारस के वापसी को लेकर डीएफओ ने बताया कि राज्य पक्षी को पालना नहीं चाहिए. बल्कि वन विभाग को सूचना देना चाहिए.

(रिपोर्ट- महेश शर्मा, यूपी तक)

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